शंघाई चीन का सबसे बड़ा व्यापरिक केंद्र है चीन में भीषण गर्मी के दिनों में बिजली के संकट से निपटने के लिए सरकार बड़े शॉपिंग मॉलों, दुकानों और दफ़्तरों को बंद रखने की अपील जारी कर रही है। चीन के सबसे बड़े व्यापरिक केंद्र शंघाई को बिजली सप्लाई करने वाली पवार ग्रिड की इतनी क्षमता नहीं है कि वो गर्मी के मौसम में बिजली की बढ़ी मांग की आपूर्ती कर सके। यूँ तो गर्मी के मौसम में शंघाई में 37 डिग्री सेल्सियस तक पारे का जाना कोई अनोखी बात नहीं है लेकिन इस समय देश में बिजली उत्पादन भी गिरा हुआ है। चीनी अख़बारों के अनुसार करीब 24,000 औद्योगिक प्रतिष्ठानों को गर्मी के दौरान आवश्यक बिजली कटौती का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस साल अख़बारों के हिसाब से करीब 3,000 गैर औद्योगिक प्रतिष्ठानों से भी आग्रह किया जा सकता है कि वो अपने यहाँ छुट्टी कर दें.

सरकार की दिक्कत

बिजली की कमी के दौरान अधिकारियों की प्राथमिकता घरों को बिजली देने की है लेकिन दुकानों और दफ़्तरों को अपना काम बंद करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। अभी तक तो व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की तरफ से कोई उत्साहजनक उत्तर आता नहीं दिख रहा है। सरकार की दिक्कत ये है कि कोयले की कीमतें बढ़ती जा रही हैं और चीन की 80 फ़ीसदी बिजली कोयले से चलने वाले ताप बिजली घरों में बनती है। देश में सूखे की वजह से पन बिजली परियोजनाओं में भी बिजली उत्पादन कम हो गया है. देश के अधिकांश बांधों में पानी का स्तर बहुत ही कम है.

पिछले कुछ दिनों में हुई भीषण वर्षा और बाढ़ से कुछ बांधों में पानी का स्तर बढ़ा है और हालात ज़रा बेहतर हुए हैं लेकिन बिजली संकट पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता दिख रहा। चीन के कम से कम दस प्रांतों में बिजली की मांग में गर्मी के चलते तेज़ी आई है.

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