आगरा. नदी की तलहटी और उसके किनारे के अवैध निर्माण को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंभीरता से लिया है. जिसके बाद बिल्डिंग्स पर अब संकट मंडराने लगा है. याचिका पर सुनवाई के एनजीटी ने अधिकारियों को नोटिस दिए. निर्देश दिए गए हैं कि जांच कर 26 मई को होने वाली सुनवाई में जवाब दाखिल किया जाए. इसी के चलते शनिवार को जिलाधिकारी, एडीए उपाध्यक्ष, सचिव, नगर आयुक्त आदि अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया.

मची हुई है हलचल

सुप्रीम कोर्ट मॉनीटरिंग कमेटी के सदस्य डीके जोशी ने यमुना को अपने मूलस्वरूप में लाए जाने के लिए एनजीटी में याचिका दायर की थी. इसमें अवैध निर्माण और यमुना में कूड़ा डाले जाने का भी मुद्दा उठाया था. इसी पर सुनवाई करने के बाद एनजीटी ने कमिश्नर, एमडी जल निगम, वीसी एडीए, नगरायुक्त से जवाब-तलब किया है. इस संबंध में इन्हें नोटिस भी तामिल हो चुके हैं.

तलहटी का हुआ निरीक्षण

शनिवार को अधिकारियों ने यमुना तहलहटी का निरीक्षण किया. इस दौरान यमुना किनारा रोड स्थित होटल ताज-वे, आस्था सिटी सेंटर, बल्केश्वर के पास पड़ा कूड़ा देखा गया, पोइया घाट पर बंडर सिटी, वैभव वाटिका, राजश्री गार्डन, मऊ रोड स्थित कल्याणी हाइटस, तनिष्क राजश्री एस्टेट, राधा बल्लभ पब्लिक स्कूल, राममोहन विहार, पुष्पांजलि हाइट्स, मंगल एस्टेट, मंगलम सिला, रिवर व्यू अपार्टमेंट आदि को देखा गया.

कई निर्माणों पर हो सकती है कार्रवाई

यमुना किनारे इमारतों का निरीक्षण के बाद अधिकारी अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. लेकिन सूत्रों की मानें तो इन निर्माणों में से अधिकांश पर कार्रवाई हो सकती है. इसी को देखते हुए निरीक्षण किया गया. अब 26 मई को जवाब क्या दिया जाना है, इस पर अधिकारियों का मंथन शुरू हो गया है. एडीए अधिकारियों ने अपने वकीलों के साथ बैठक कर जवाब दिए जाने को लेकर भी चर्चा की.

क्या है मामला

याचिकाकर्ता डीके जोशी ने यमुना की तलहटी एरिया में बनीं इन बिल्डिंग्स में यमुना का पानी भर जाने और यमुना नदीं में निगम द्वारा कूड़ा डाला जाना आदि मुद्दे उठाए हैं. यहीं नहीं साक्ष्य के तौर पर फोटो भी लगाए गए हैं. इस मामले को एनजीटी ने गंभीरता से लिया है.