-यमुना में पहुंच रहा केन, बेतवा व चंबल का पानी

ALLAHABAD: प्रयाग में इस बार गंगा के साथ यमुना से भी खतरा पैदा हो सता है। मध्य प्रदेश की केन, बेतवा व चंबल नदियों का पानी यमुना में मिल रहा है जिससे उसके जलस्तर पर वृद्धि जारी है। हालांकि, इस बीच गंगा के जलस्तर में रविवार को कमी दर्ज की गई, जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली।

घटा गंगा का जलस्तर

गंगा के जलस्तर में अचानक ख्ख् सेमी की कमी दर्ज की गई। जिसके चलते फाफामऊ का जलस्तर 78.80 मीटर दर्ज किया गया। शनिवार को यह 79.0ख् मीटर था। सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो छतनाग में गंगा का जलस्तर 7भ्.ख्9 व नैनी में 7भ्.9भ् मीटर दर्ज किया गया। खास बात यह रही कि फाफामऊ और झूंसी में जहां गंगा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई वहीं नैनी में वृद्धि जारी रही, जिसका कारण यमुना में आए उफान का माना जा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता मनोज सिंह के मुताबिक, मध्य प्रदेश की केन, बेतवा व चंबल नदियों उफनाई हुई हैं। इन नदियों का पानी तेजी से यमुना में आ रहा है जिससे समस्या बढ़ सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यमुना के पानी के साथ मिलकर गंगा प्रयाग में भी असर दिखा सकती है।

पलायन की तैयारियां शुरू

उधर, नदियों का पानी बढ़ने से कछार में बोयी गई फसलें पूरी तरह पानी में डूबकर बर्बाद हो गई हैं। खासकर यमुना का कछारी क्षेत्र जो सब्जियों के लिए काफी मुफीद माना जाता है, वहां के किसानों की परेशानी बढ़ गई है। घाट के आसपास इकट्ठी बालू भी पानी के साथ बह गई है। कछार में रहने वाले लोग पलायन की तैयारी करने लगे हैं। उनका कहना है कि यमुना नदी की बाढ़ रातों रात उनपर कहर बनकर टूट सकती है।