जीटी रोड की वाइडनिंग में आड़े आ रहीं समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। स्टेट सपोर्ट एग्र्रीमेंट न होने से एनएचएआई जीटी रोड की वाइडनिंग का वर्क शुरू नहीं कर पा रहा है। हालांकि यूपी की फॉरेस्ट मिनिस्ट्री से एनओसी मिल जाने के कारण उन्होंने पेड़ों को काटने की तैयारी शुरू करा दी है. 
मार्किंग के लिए लेटर भेजा
दरअसल कानपुर से अलीगढ़ तक जीटी रोड की वाइडनिंग होनी है। पहले सेंट्रल और अब स्टेट गवर्नमेंट से एनओसी व एग्र्रीमेंट में लेट होने के कारण प्रोजेक्ट कास्ट बढक़र 1000 करोड़ तक पहुंच गई है। तीन साल होने को और काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है, एनएचएआई ऑफिसर्स को स्टेट सपोर्ट एग्र्रीमेंट न होने से परेशान है। हालांकि एग्र्रीमेंट के लिए वे भरसक कोशिश में जुटे हुए है। शायद इसी वजह से उन्होंने 7 से 12 मीटर चौड़ी की जाने जीटी रोड की राह में आ रहे पेड़ों को कटवाने की तैयारी शुरू कर दी है। पेड़ों की मार्किंग के लिए डीएफओ को लेटर भेजा जा रहा है. 
  -यूपी की फारेस्ट मिनिस्ट्री से एनओसी मिल गई है। चौड़ीकरण के रास्ते में आ रहे पेड़ों का कटवाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। यूपी गवर्नमेंट से स्टेट सपोर्ट एग्र्रीमेंट के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है.- राजीव अग्र्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई अलीगढ़ डिवीजन
-अभी तक इस मामले की जानकारी नहीं है। मालूम करेंगे, किस स्तर और क्या समस्या आ रही है.- शिवकुमार बेरिया, मिनिस्टर

क्र-जीटी रोड की हालत वाकई खराब हैैं। पता करेंगे कि फाइल कहां और क्यों रूकी है? अगर कोई समस्या नहीं है तो जल्द से जल्द एग्र्रीमेंट कराने की कोशिश करेंगे। जिससे जीटी रोड बन सके.
-रामआसरे कुशवाहा, कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा प्राप्त  
क्र-कानपुर को एक बेहतर सिटी बनाने के लिए एमएलए, मिनिस्टर्स को मिलजुल काम करना चाहिए। -शेखर अभिषेक
- जीटी रोड के प्रोजेक्ट में आ रही प्रॉब्लम्स को एमएलए, मिनिस्टर चाहे तो सॉल्व करा सकते हैं। लेकिन शायद इन्हें पब्लिक से हो रही परेशानी से कोई वास्ता नहीं है। -मुहीद अहमद खान
-जीटी रोड की इतनी खराब हालत देखकर  हमारे मिनिस्टर, एमएलए कैसे चुप रह सकते हैंउन्हें चाहिए कि उनके स्तर से जो कुछ भी बन सके वो करें.क्र-शकील बरकाती
-पब्लिक ने सिटी के विकास के लिए चुना है। एमएलए, मिनिस्टर को जीटी रोड सही कराने के लिए जरूर करना चाहिए- अभिषेक शुक्ला
- कानपुर महानगर होते हुए भी यहां पर महानगर की फैसिलिटी नहीं मिलती है। अगर एमएलए चाह लें तो जीटी प्रोजेक्ट क्या सभी प्रॉब्लम हल हो सकती है.- सलमान मंसूरी
-वोट के लिए एमएलए, मिनिस्टर आपस में ही हमेशा लड़ते रहते है। इसलिए सपने में ऐसा नहीं सोचना चाहिए- टिंकू सैंग
- जीटी रोड की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। पब्लिक रिप्रजेन्टिव्स को मिल-जुलकर समस्या हल करानी चाहिए- मजहरूल इस्लाम अंसारी

 

जीटी रोड की वाइडनिंग में आड़े आ रहीं समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। स्टेट सपोर्ट एग्र्रीमेंट न होने से एनएचएआई जीटी रोड की वाइडनिंग का वर्क शुरू नहीं कर पा रहा है। हालांकि यूपी की फॉरेस्ट मिनिस्ट्री से एनओसी मिल जाने के कारण उन्होंने पेड़ों को काटने की तैयारी शुरू करा दी है. 

मार्किंग के लिए लेटर भेजा

दरअसल कानपुर से अलीगढ़ तक जीटी रोड की वाइडनिंग होनी है। पहले सेंट्रल और अब स्टेट गवर्नमेंट से एनओसी व एग्र्रीमेंट में लेट होने के कारण प्रोजेक्ट कास्ट बढक़र 1000 करोड़ तक पहुंच गई है। तीन साल होने को और काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है, एनएचएआई ऑफिसर्स को स्टेट सपोर्ट एग्र्रीमेंट न होने से परेशान है। हालांकि एग्र्रीमेंट के लिए वे भरसक कोशिश में जुटे हुए है। शायद इसी वजह से उन्होंने 7 से 12 मीटर चौड़ी की जाने जीटी रोड की राह में आ रहे पेड़ों को कटवाने की तैयारी शुरू कर दी है। पेड़ों की मार्किंग के लिए डीएफओ को लेटर भेजा जा रहा है. 

  -यूपी की फारेस्ट मिनिस्ट्री से एनओसी मिल गई है। चौड़ीकरण के रास्ते में आ रहे पेड़ों का कटवाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। यूपी गवर्नमेंट से स्टेट सपोर्ट एग्र्रीमेंट के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है.- राजीव अग्र्रवाल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई अलीगढ़ डिवीजन

-अभी तक इस मामले की जानकारी नहीं है। मालूम करेंगे, किस स्तर और क्या समस्या आ रही है.- शिवकुमार बेरिया, मिनिस्टर

 

जीटी रोड की हालत वाकई खराब हैैं। पता करेंगे कि फाइल कहां और क्यों रूकी है? अगर कोई समस्या नहीं है तो जल्द से जल्द एग्र्रीमेंट कराने की कोशिश करेंगे। जिससे जीटी रोड बन सके।

-रामआसरे कुशवाहा, कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा प्राप्त  

क्र-कानपुर को एक बेहतर सिटी बनाने के लिए एमएलए, मिनिस्टर्स को मिलजुल काम करना चाहिए। -शेखर अभिषेक

- जीटी रोड के प्रोजेक्ट में आ रही प्रॉब्लम्स को एमएलए, मिनिस्टर चाहे तो सॉल्व करा सकते हैं। लेकिन शायद इन्हें पब्लिक से हो रही परेशानी से कोई वास्ता नहीं है। -मुहीद अहमद खान

-जीटी रोड की इतनी खराब हालत देखकर  हमारे मिनिस्टर, एमएलए कैसे चुप रह सकते हैंउन्हें चाहिए कि उनके स्तर से जो कुछ भी बन सके वो करें.-शकील बरकाती

-पब्लिक ने सिटी के विकास के लिए चुना है। एमएलए, मिनिस्टर को जीटी रोड सही कराने के लिए जरूर करना चाहिए- अभिषेक शुक्ला

- कानपुर महानगर होते हुए भी यहां पर महानगर की फैसिलिटी नहीं मिलती है। अगर एमएलए चाह लें तो जीटी प्रोजेक्ट क्या सभी प्रॉब्लम हल हो सकती है.- सलमान मंसूरी

-वोट के लिए एमएलए, मिनिस्टर आपस में ही हमेशा लड़ते रहते है। इसलिए सपने में ऐसा नहीं सोचना चाहिए- टिंकू सैंग

- जीटी रोड की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है। पब्लिक रिप्रजेन्टिव्स को मिल-जुलकर समस्या हल करानी चाहिए- मजहरूल इस्लाम अंसारी