कहां का है कैंडिडेट

वार्ड 37 के बीजेपी कैंडिडेट अशोक दिवाकर के फेवर में मंडे को लोगों ने हाथरस रोड पर जाम लगाया। पब्लिक का कहना था कि वोट काउंटिंग कंप्लीट होने के बाद बाकायदा कैंडिडेट अशोक दिवाकर को विनर डिक्लेयर कर दिया था। इसके बाद कुछ घंटे बाद जब सर्टिफिकेट देने की बारी आई तो बीएसपी समर्थित कैंडिडेट को दे दिया गया।

ये तो नाइंसाफी है

बीजेपी नेता और पूर्व पार्षद दीपक खरे के अनुसार, सात जुलाई को मंडी समिति में हुई काउंटिंग के दौरान तकरीबन तीन बजे टेड़ी बगिया वार्ड 37 से चुनाव फाइट करने वाले कैंडिडेट को रिटर्निंग ऑफिसर ने विनर डिक्लेयर कर दिया। इससे पहले 1013 नं। बूथ की छूटी हुई ईवीएम मशीन के अंदर बंद वोट की काउंटिंग भी कर ली गई थी। इसी के बाद बीजेपी के कैंडिडेट अशोक दिवाकर को 12 वोट से विनर डिक्लेयर किया गया था। लेकिन बाद में सर्टिफिकेट बीएसपी समर्थित कैंडिडेट हरी भाई को थमा दिया गया।

गुस्साई पब्लिक

एडमिनिस्ट्रेशन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए पब्लिक ने कंप्लेन करने चाही तो फोर्स के जवानों ने लोगों को बाहर कर दिया। इस पक्षपात कार्यवाही का विरोध करने के लिए मंडे दोपहर टाइमिंग में लोगों ने एडीएम ई से मुलाकात की। डीएम के नाम वाला ज्ञापन सौंपते हुए न्याय की मांग की। ज्ञापन देने वालों में कैंडिडेट अशोक दिवाकर, रामवीर सिसौदिया, धमेंद्र राजपूत, अजय जैसवाल, बबलू शर्मा, अजय आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।

रोड जाम, फूंका पुतला

विनर किसी को और सर्टिफिकेट किसी दूसरे को देने के मामले में दोपहर बाद पब्लिक ने हाथरस रोड जाम कर दिया। बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एडमिनिस्ट्रेशन पर पक्षपातपूर्ण कार्यवाही करने का आरोप लगाया। बड़ी संख्या में लोगों के रोड पर आने के चलते लगभग आधा-पौन घंटा हाथरस रोड पर जाम रहा। जाम के दौरान ही लोगों ने डीएम का पुतला दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।