- केंद्र ने केजीएमयू को बनाया यूपी का नोडल सेंटर

- सोमवार से कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में लगाए जाएंगे टीके

LUCKNOW :प्रदेश के लोगों के लिए अच्छी खबर है अब उन्हें यलो फीवर के टीकाकरण के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को यूपी का नोडल सेंटर बनाया गया है। जहां पर सोमवार से यह सुविधा शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

सोम व शुक्र को लगेंगे टीके

केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। जेवी सिंह ने बताया कि केंद्र ने विभाग को यलो फीवर वेक्सीनेशन सेंटर अप्रूव किया है। इससे पहले इसका इंस्पेक्शन और अप्रूवल मिलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जिसके बाद विभाग के एक डॉक्टर और एक वैक्सीनेटर को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है। जो एक दो दिन में आ जाएंगे। जिसके बाद सोमवार से विभाग में टीके लगने लगेंगे। बताया जा रहा है कि हफ्ते में दो दिन सोमवार और शुक्रवार को टीके लगाए जाएंगे।

300 रुपये में लगेगा टीका

प्रो। जेवी सिंह के अनुसार टीके की सिंगल डोज 300 रुपये में लगाई जाएगी। टीका लगाने के बाद व्यक्ति को एक यलो कार्ड दिया जाएगा। जिसके आधार पर उसे साउथ अफ्रीकन कंट्रीज या फिर जहां अब तक यलो फीवर के मरीज मिले हैं उन देशों की यात्रा करने की अनुमति मिल जाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में यलो फीवर का टीका लगता था, लेकिन पिछले दो वर्ष से टीके आने ही बंद हो गए। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हुई थी। ऐसे में लोग मार्केट से 1500 से 2500 रूपये में टीका खरीद कर बलरामपुर में लगवाते थे जिसके बाद उन्हें कार्ड दिया जाता था। बाद में मार्केट में भी टीके आना बंद हो गए। इसके बाद लोगों को टीके के लिए दिल्ली जाना पड़ता था। दो साल बाद केंद्र ने बलरामपुर की जगह केजीएमयू को सेंटर बनाया है। केजीएमयू में अब तक 20 से ज्यादा लोग टीकाकरण के लिए संपर्क कर चुके हैं।

क्या है यलो फीवर

यलो फीवर संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला एक तीव्र वायरल रक्तस्त्रावी रोग है जिसमें गंभीर रूप से प्रभावित और इलाज न मिलने की स्थिति में मौत होने की 50 परसेंट तक संभावना होती है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गाइड लाइन भी जारी कर रखी है। जिसके तहत अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों की यात्रा करने से पहले यलो फीवर टीकाकरण अनिवार्य है क्योंकि इन देशों में यलो फीवर तेजी से फैल रहा है। बिना टीका लगवाए एयरपोर्ट पहुंचने पर वहां से वापस कर दिया जाएगा। प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही एयरपोर्ट पर इमीग्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस वर्ष ही कुछ देशों में 500 से ज्यादा लोगों की मौत इस बीमारी की चपेट में आने से हो चुकी है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही इलाज कियााता है।

यलो फीवर टीकाकरण की तैयारी पूरी कर ली गई। एक दो दिन में टीके आ जाएंगे और सोमवार से लोगों को सुविधा मिलने लगेगी।

प्रो। जेवी सिंह, केजीएमयू