इस स्टडी में इंसान को फिर से चांद पर ले जाने के प्लान के बारे में जानकारी दी गयी है। द वर्ज कि एक रिपोर्ट के अनुसार यह घोषणा 11 क्रू मेंबर्स के चांद की सतह पर पहला कदम रखने की 46वीं वर्षगांठ पर 20 जुलाई को की गई। नासा द्वारा आशिंक रूप से फंड किए जाने वाले नेक्सजेन द्वारा की गई इस स्टडी के अनुसार नासा ने एक डिटेल रोडमैप तैयार किया है जिसमें चांद पर उतरने के लिए अगले कदम कब और कैसे उठाएं जाए इस बारे में जानकारी होगी।

पहले रोबट्स फिर इंसान

इस शोध के अनुसार अगर नासा अभी काम शुरू करता है तो रोबोट्स को चांद पर भेजकर 2017 तक वापस बुलाया जा सकता है और इसके बाद 2019-2020 तक रोवर्स चांद के ध्रुवों का चक्कर लगाकर हाइड्रोजन की तलाश करेंगे। इसके पूरा होने के बाद 2021 तक रोबोट्स चांद पर इंसानों के लिए स्थाई बेस बनाने का काम शुरू कर सकते हैं। स्टडी के अनुसार नासा यह सब अपने पुराने बजट में ही कर सकता है।

क्या होगी तकनीक

कहा जा रहा है कि इसके लिए नासा वही तकनीक अपना सकता है जो उसने इंटरनेशन स्पेस स्टेशन को पुन: सप्लाय देने के लिए अपनाई थी। यह एक पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप होगी जो स्पेस एक्स, ऑर्बिट एटीके या युनाइटेड लॉन्च अलायंज के साथ की है।

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