अखिल की  phone call से घर में लौटीं खुशियां

पुलिस की इनवेस्टीगेशन के आधार पर जिस बेटे के सदा सदा के लिए बिछड़ जाने का गम मना रहे थे, उसी का फोन आया तो घर वाले खुशी से रो पड़े। मोबाइल फोन बेटे की आवाज सुनी और उसने कुछ दिनों में लौट आने की बात कही तो घर का हर एक सदस्य गदगद हो उठा। लेकिन उन्हें पुलिस वालों पर गुस्सा भी खूब आया। क्योंकि पुलिस ने इसे सुसाइड केस बता कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

कीडगंज का रहने वाला है अखिल

अशोक श्रीवास्तव कीडगंज खलासी लाइन के रहने वाले हैं। वह अब रिटायर्ड हो चुके हैं। अशोक का बेटा अखिल कुमार एडवोकेट है। वह हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करता है। अखिल की शादी हो चुकी है। उसके बच्चे भी हैं। घर की जिम्मेदारी अखिल पर ही थी। अशोक का मानना था कि घर में पैसे की कोई प्रॉब्लम नहीं है।

घटना 30 अगस्त की

30 अगस्त की शाम को अखिल अपनी स्कूटर लेकर घर से निकला था। शाम को उसकी वाइफ से बात हुई थी। उसने कुछ देर बाद लौटने की बात कही थी। बैरहना चौराहे के पास उसका एक मित्र पवन रहता है। शाम को सोहबतियाबाग के पास अखिल की कुछ लोगों से झड़प हो गई। इसके बाद अखिल वहां से चला गया। कुछ देर बाद पुलिस को नए यमुना पुल पर अखिल का स्कूटर, चप्पल और उसका मोबाइल फोन पड़ा मिला।  

Kidnapping  की report दर्ज

 कीडगंज पुलिस ने अखिल के पिता को इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने शक जताया कि अखिल का स्कूटर पुल के पास मिला है। ऐसे में यकीनन उसने पुल से छलांग लगा दी है। तभी तो चप्पल भी वहीं पड़ी थी। लेकिन इस बात पर अखिल के पिता को यकीन नहीं था। वह लगातार पुलिस पर किडनैपिंग की रिपेार्ट दर्ज करने का प्रेशर बना रहे थे। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। अगले दिन एडवोकेट्स का एक ग्रुप पुलिस स्टेशन पहुंच गया। जिसके बाद पुलिस ने पवन के खिलाफ किडनैपिंग की रिपोर्ट दर्ज की।

चाह रहे थे जेल भेजवाना

मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। अखिल के पिता हर हाल में यह चाह रहे थे कि इस कहानी को अंजाम तक पहुंचाया जाए। वह पुलिस पर लगातार इस बात का प्रेशर बनाते रहे कि पवन को अरेस्ट करके सलाखों के पीछे भेज दिया जाए। नेम्ड रिपोर्ट दर्ज थी। पुलिस ने पवन को कस्टडी में ले लिया और इंक्वायरी की। इंक्वायरी  में वह निर्दोष मिला।

SSP भी हैरान

मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। अशोक ने बेटे की तलाश में हर जगह गुहार लगाई। उसने एसएसपी उमेश कुमार श्रीवास्तव से भी इंसाफ मांगा। लेकिन पुलिस ऑफिसर भी इस केस की गुत्थी से हैरान थे। बेटे की तलाश में अशोक ने हाईकोर्ट की मदद ली।

Court में दिया हलफनामा

अब इस कहानी में बेहद नाटकीय मोड़ आ गया है। कीडगंज पुलिस ने बताया कि अखिल के पिता ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है कि उनका बेटा जिन्दा है। अखिल ने खुद ही घर पर फोन किया था। कुछ विपरीत परिस्थितियों के कारण वह वहां से भागने के लिए मजबूर हो गया था। अब घबराने की बात नहीं है। वह कभी भी अपने घर लौट सकता है। इसके बाद कीडगंज पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। पुलिस को भी यकीन नहीं आ रहा है कि एडवोकेट अखिल ने इतना बड़ा ड्रामा क्यों रचा।

क्यों रचा drama

अब जब मामला साफ दिख रहा है तो यह प्रश्न भी उठ रहा है कि आखिर अखिल ने ऐसा किया क्यूं? उसने सुसाइड का ड्रामा क्यों रचा। यकीनन प्रीप्लानिंग से सब कुछ रचा गया था। पुलिस को यकीन है कि उसे कुछ घरेलू प्रॉब्लम थी। जिससे कारण उसने ऐसा किया होगा। जब सारा मामला शांत हो गया तब वह सामने आया है। खैर अब परिवार सहित पुलिस को अखिल के वापस आने का इंतजार है। तभी असलियत प्रकाश में आएगी कि उसने ऐसा क्यूं किया था।

अखिल के पिता अशोक ने कोर्ट में हलफनामा दिया है। उन्होंने अपना केस वापस लेने की अर्जी दी है। दावा किया है उनका बेटा जिन्दा है। उसने जल्द ही वापस लौटने की बात कही है।

नवीन तिवारी

एसओ कीडगंज

मामला काफी पेचीदा है। कोर्ट में जो हलफनामा लगा है, उससे तो यही लग रहा है कि अखिल जिंदा है। लेकिन अखिल के पिता ने इस मामले में पूरी तरह क्लीयरीफिकेशन नहीं दिया है। अभी मामले की जांच की जा रही है।

क्राइम ब्रांच

याद आ गई पुरानी कहानी

कुछ साल पहले भी कुछ इसी तरह की घटना नैनी पुल पर हुई थी। शहर के एक फेमस स्वीट शॉप के ओनर की बेटी गायब हो गई। उसकी कार नैनी पुल पर मिली थी। किसी ने सुसाइड तो किसी ने मर्डर की बात कही। सभी लोग हैरान परेशान थे। लेकिन कुछ दिनों बाद कहानी में ट्विस्ट आ गया। पता चला कि युवती अपने फ्रेंड्स के साथ गोवा घूमने चली गई थी।