पाकिस्तान को यूपीए किया अलग और मोदीजी ने लिया साथ

पाकिस्तान से वार्ता व रिश्तों को लेकर उठते रहे सवालों के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा पर उंगली उठा दी। उन्होंने कहा कि संप्रग ने बहुत मशक्कत से जिस पाकिस्तान को अलग थलग कर दिया था उसे भाजपा सरकार फिर से खुले मैदान में लेकर आ गई। राहुल को बोलना तो राष्ट्रपति के अभिभाषण पर था लेकिन उनका लगभग आधे घंटे का भाषण पूरी तरह प्रधानमंत्री पर केंद्रित था। तीखे तंज और व्यक्तिगत आक्षेपों से भरे राहुल के भाषण में सबसे ज्यादा यह जताने की कोशिश की गई कि मोदी किसी भी नहीं सुनते। यहां तक कि विपक्ष ही नहीं, बल्कि अपने ही सहयोगी मंत्रियों से भी फैसला लेते वक्त चर्चा नहीं करते।

अपने साथियों की तो सुने मोदी जी

सत्तापक्ष की ओर से कई बार जताई गई आपत्तियों के बीच राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री विपक्ष की ही नहीं अपने मंत्रियों की भी नहीं सुनते हैं और सारी परेशानी इसी कारण से है। उन्होंने कहा कि हमारे तब के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) ने सेना, राजनयिकों, खुफिया तथा अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञों और यहां तक कि विपक्ष को भी साथ लेकर पाकिस्तान को अलग थलग करने का काम किया. लेकिन ''मोदी ने क्या किया ? बिना सोचे समझे और बिना विजन के नवाज शरीफ के साथ चाय पर चर्चा करने चले गए। राहुल ने तंज किया कि मोदी ने किसी से पूछना सही नहीं समझा। न सेना से, न कूटनीतिज्ञों और न ही राजनयिकों से और शायद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी नहीं। राहुल ने प्रधानमंत्री को सलाह दी कि वह राजनाथ सिंह की सुनें, सुषमा स्वराज की सुनें, अपने सांसदों की सुनें और हमारी भी सुनें जो कि दुश्मन नहीं हैं।

प्रधानमंत्री की फेयर एंड लवली योजना

काले धन पर प्रधानमंत्री के वादे पर भी राहुल ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि 2014 में चुनाव के दौरान मोदी ने कहा था कि मैं काला धन खत्म कर दूंगा, काले धन वालों को जेल में डाल दूंगा लेकिन उनकी यह ''फेयर एंड लवली'' योजना किसी को जेल में नहीं डालेगी। अरुण जेटली जी को टैक्स दीजिये और काला धन सफेद कर लीजिए। इसी तरह नगालैंड समझौते पर प्रधानमंत्री के रुख का उन्होंने मजाक उड़ाया। राहुल ने कहा कि मोदी ने सोनिया गांधी को जिस नगालैंड समझौते के बारे में बताया उसकी जानकारी गृह मंत्रालय, आईबी और नगालैंड के सीएम तक को नहीं थी।

गलती करता हूं मैं

काफी होमवर्क के साथ आए राहुल ने मोदी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि 'मैं आरएसएस का नहीं हूं। मैं गलतियां करता हूं। मैं सब कुछ नहीं जानता, सब कुछ नहीं समझता। मैं जनता से बातचीत करके उनसे उनकी बात सुनकर और समझकर अपनी बात रखता हूं।' इतना ही नहीं सरकार को हिंसक विचारधारा के साथ जोड़ने की कोशिश भी की। राहुल ने कहा कि 'हममे और आपमे फर्क यही है कि आप सब जानते हैं और गलती नहीं करते जबकि हम गलती करते हैं और उससे सीखते हैं। एक ओर सावरकर है और एक ओर गांधी हैं।'

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