RANCHI:आज हर व्यक्ति तनाव में है। हर व्यक्ति तनाव से मुक्त होना चाहता है और इस तनाव से सही प्रकार से मुक्ति अगर कोई दिला सकता है, तो वो सिर्फ योग है। ये बातें गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कहीं। वह ख्क् जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलब्ध में रांची स्थित योगदा आश्रम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। मौके पर उन्होंने योग को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।

घर में भी बन सकते हैं योगी

उन्होंने योग की विशिष्टता को परिभाषित करते हुए कहा कि जरा सोचिए, भगवान शिव ने भी तो पार्वती के साथ विवाह कर गृहस्थ आश्रम में प्रवेश किया। भगवान कृष्ण ने भी गृहस्थाश्रम अपनाया और जब ये दोनों गृहस्थाश्रम में रहकर स्वयं को योगी और योगेश्वर कहला सकते हैं, तो हम गृहस्थाश्रम में रहकर योगी क्यों नहीं बन सकते। इसलिए जरूरत है भ्रम को दूर करने की और सच्चाई को स्वीकार करने की।

स्वस्थ भारत का सपना साकार करेगा योग

उन्होंने पिछले वर्ष राजभवन में योगदा आश्रम के सन्यासियों द्वारा योग दिवस मनाने और राजभवन के लोगों को योग की शिक्षा देने का जिक्त्र करते हुए कहा कि उनकी नजर में योग जीवन का कायाकल्प करता है। इससे मनुष्य का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। साथ ही यह चरित्र निर्माण में भी सहायक है। उन्होंने योग के लिए योगदा आश्रम, रामकृष्ण मिशन, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विद्यालय, पतंजलि और आर्ट आफ लिविंग ऐसे केन्द्रों की प्रशंसा की। कहा कि स्वस्थ भारत की कल्पना तभी साकार होगी, जब हम योग को अपनाएंगे। मौके पर योगदा आश्रम के महासचिव स्वामी स्मरणानंद गिरि ने योग की सार्थकता, परमहंस योगानन्द की योग के लिए किए गए कार्य पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन योगदा आश्रम के स्वामी श्रद्धानन्द ने किया। कार्यक्त्रम में स्वामी ओंकरानन्द जी ने उपस्थित जनसमुदाय को ध्यान की प्रविधि समझाया एवं प्रणायाम की महत्ता को समझाते हुए सभी से प्राणायाम करवाया।