131 साल बाद प्रयागराज में कैबिनेट की मीटिंग

इनकी रहेगी मौजूदगी

150 अधिकारी

25 कैबिनेट मंत्री

09 स्वतंत्र प्रभार

22 राज्य मंत्री

15 प्रमुख सचिव

prayagraj@inext.co.in
PRAYAGRAJ: आजादी के बाद से अब तक प्रदेश से बाहर यूपी कैबिनेट की पहली बैठक प्रयागराज में होने जा रही है। यह बैठक इसलिए अहम है क्योंकि देश की आजादी से पहले 8 जनवरी 1887 को यूपी विधानसभा की पहली बैठक इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में स्थित लाइब्रेरी हॉल में ही हुई थी। अब करीब 131 साल बाद इतिहास खुद को दोहराने जा रहा है, जब प्रयागराज में फिर से एक बार यूपी कैबिनेट की मीटिंग होगी। यह मीटिंग अरैल में तैयार इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी में होगी। सभी मंत्री व अधिकारी टेंट सिटी में ही प्रवास करेंगे। कुछ मंत्री तो सोमवार की शाम को ही प्रयागराज पहुंचने के बाद टेंट सिटी में पहुंच गए।

टेंट सिटी में ही भोजन
मुख्यमंत्री के साथ ही सभी मंत्री दोपहर का भोजन टेंट सिटी में ही करेंगे। इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है। शुद्ध देशी भोजन दाल, चावल, रोटी, सब्जी, बाटी-चोखा के साथ ही खीर, हलवा और केसरिया जलेबी सभी को परोसी जाएगी।

11 बजे से होगी शुरू

उत्तराखंड बनने के बाद राजधानी के बाहर कैबिनेट की पहली बैठक होगी

कैबिनेट में सीएम, दोनों डिप्टी सीएम, कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहेंगे।

दिन में 11 बजे शुरू हो जाएगी कैबिनेट की मीटिंग, जिसके पहले पहुंच जाएंगे सीएम से लेकर सभी मंत्री व अधिकारी

किसी विशेष एजेंडे पर चर्चा न होने की जताई जा रही है उम्मीद

131 साल पुराना इतिहास

08 जनवरी 1887 को देश की आजादी के बाद इलाहाबाद में हुई थी।

कंपनी बाग में स्थित राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी की बिल्डिंग में हुई थी यूपी विधानसभा की पहली बैठक।

उन दिनों उत्तर प्रदेश को नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज एंड अवध के नाम से जाना जाता था।

पहली लेजिस्लेटिव कौंसिल में कई प्रस्ताव भी पास किए गए थे।

आठ जनवरी को यूपी विधानसभा की पहली बैठक की 131 वीं वर्षगांठ 8 जनवरी को मनाई गई थी।

पहली लेजिस्लेटिव काउंसिल अल्फ्रेड लायल की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें पांच अंग्रेज और चार भारतीय शामिल हुए थे।

बैठक के पांच अंग्रेज सदस्यों में जेडब्ल्यू क्विंटन, टी कानलन, जे बुडबर्न, एम ए मैकांगी और जीई नॉक्स शामिल रहे।

चार भारतीयों में पंडित अयोध्या नाथ पाठक, मौलवी सैयद अहमद खां, राजा प्रताप नारायण सिंह और राज बहादुर दुर्गा प्रसाद शामिल थे।