अखिलेश सरकार ने किया था बदलाव

यूपी पुलिस में सिपाही व हेड कॉन्सटेबल से दारोगा व दारोगा से इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन के लिये अखिलेश सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए कुल पदों के एक तिहाई पद पर लिखित परीक्षा से प्रमोशन देने का निर्णय लिया था। बता दें कि तत्कालीन सरकार इसके जरिए अपने चुनिंदा चहेतों को लाभ देना चाहती थी।

दारोगा पद पर रैंकर को 50 प्रतिशत कोटा

योगी कैबिनेट ने नियमावली में किये गए इस संशोधन को निरस्त करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस उप निरीक्षक और निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली 2017 के माध्यम से प्रमोशन के संबंध में उप निरीक्षक के 50 प्रतिशत पदों को सीनियारिटी बेसिस पर जबकि, बाकी 50 प्रतिशत डायरेक्ट भर्ती से भरे जाने का फैसला लिया है। इसी तरह इंस्पेक्टर के शतप्रतिशत पदों को अब सीनियारिटी के आधार पर ही प्रमोशन मिलेगा।

परीक्षा पास कर भर्ती होंगे बंदीरक्षक व सिपाही

मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले बंदीरक्षक (जेल वार्डर) अब लिखित परीक्षा के जरिये ही भर्ती होंगे। दरअसल, जेल वार्डर के 7031 पद सृजित हैं, जिसके सापेक्ष 3658 पद भरे हैं। कैबिनेट ने इसे दखते हुए जेल वार्डर के 3373 रिक्त पद को शीघ्र भरने का निर्णय लिया है। गौरतलब है कि, जेल वार्डर का सीधी भर्ती के जरिये चयन किया जाता है। लेकिन, पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार ने जेल वार्डर संवर्ग सेवा नियमावली 2016 को मंजूरी देते हुए इस पद पर 10वीं व 12वीं की परीक्षा में प्राप्त अंक तथा शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर भर्ती किए जाने की व्यवस्था की थी। इस व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए कैबिनेट ने लिखित परीक्षा के जरिये चयन करने का निर्णय लिया है।

सब इंस्पेक्टर्स का नियतन और उपलब्धता

भर्ती का प्रकार            नियतन          उपलब्धता       रिक्त

सीधी  भर्ती                20000            9089         10911

रैंकर                      20000           11161          8839

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