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- अब तक दो बार जांच में फेल हो चुकी है जिला महिला अस्पताल की ओटी

- ओटी के आसपास फैली गंदगी व मेडिकल वेस्ट से बैक्टीरिया का खतरा

- दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने की वजह की पड़ताल

GORAKHPUR: जिला महिला अस्पताल की नई ओटी ऑपरेशन के उपयुक्त नहीं है इस कारण पुरानी ओटी को अभी तक यहां शिफ्ट नहीं किया जा सका है। दो बार मेडिकल कॉलेज माइक्रोबाइयोलॉजी विभाग को सैंपल जांच के लिए भेजी गई लेकिन हर बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई। दो बार सैंपल जांच में फेल हो चुके ओटी की तीसरी सैंपलिंग की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार अब तक यह नहीं पता कर पाए कि आखिर क्यों वे फेल हो जाते हैं और क्या करें कि पास हो जाएं। किस तरह ओटी को ऑपरेशन के लिए उपयुक्त बनाएं। जब जिम्मेदारों ने इसमें रूचि नहीं दिखाई तो पेशेंट्स की समस्या को देखते हुए दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को खुद ही वजह की जांच-पड़ताल की। अब हम बता रहे हैं कि क्यों जिला महिला अस्पताल की ओटी फेल है और इसकी वजह हो सकती है?

बाहर गंदगी, अंदर बैक्टीरिया

किसी भी ऑपरेशन थिएटर के अंदर ही नहीं, बल्कि उसके आसपास भी साफ-सफाई काफी मायने रखता है लेकिन जब दैनिक जागरण- आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जिला महिला अस्पताल की ओटी का मुआयना किया तो हालात हैरान कर देने वाले थे। ओटी के पीछे गंदगी भरी है। यहीं पर ऑपरेशन में उपयोग होने के बाद खराब सामान फेंक दिए गए हैं। सिरिंज से लेकर हाथ के दस्ताने व संक्रमित कॉटन तक फेंके गए हैं। यह स्थिति देखने के बाद कोई भी आसानी से समझ सकता है कि यह संक्रमण ओटी के अंदर भी फैलेगा लेकिन यह मामूली बात यहां के जिम्मेदार नहीं समझना चाहते।

फेंक देते या जला देते हैं

मेडिकल बायोवेस्ट को इंसीनरेटर के जरिए डिस्पोज करना है लेकिन यहां ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती। जिला महिला अस्पताल में इंसीनरेटर नहीं होने पर जिम्मेदारों को चाहिए कि मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज के लिए सही जगह भिजवाएं लेकिन ऐसा नहीं होता। जब रिपोर्टर ने मेडिकल वेस्ट के डिस्पोज किए जाने के तरीकों की जांच की तो पता चला कि यह तो और भी लापरवाही भरा है। लोग मेडिकल वेस्ट को कहीं भी फेंक देते हैं और फिर वहीं पर जला देते हैं। जिससे आसपास का वातावरण प्रभावित होता है।

पुरानी ओटी में डेली पेशेंट

सर्जरी-------------5-6

नार्मल डिलेवरी ------10-12

नई ओटी: एक नजर

- 2015 में इस ओटी का निर्माण किया गया।

- इसी साल महिला अस्पताल को किया गया हैंडओवर

- दो बार बाइक्रोबायोलॉजी को भेजी गई रिपोर्ट लेकिन फेल रही ओटी

- इस वजह से पुरानी ओटी की नहीं हो पा रही शिफ्टिंग

वर्जन

ओटी के आसपास गंदगी की जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो ओटी के आसपास के एरिया की सफाई कराई जाएगी। जहां तक नई ओटी में शिफ्टिंग का सवाल है तो जांच रिपोर्ट आने के एक हफ्ते के अंदर शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

डॉ। एके गुप्ता, एसआईसी, जिला महिला अस्पताल