kanpur@inext.co.in
kanpur : सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए काम होना चाहिए. पॉपुलेशन बढ़ रही है, ऐसे में जरूरी है कि जिन प्रदेशों या शहरों में यूथ की संख्या ज्यादा है, सरकार को वहां पर आईटी कंपनीज को इनवाइट करना चाहिए और उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया कराएं. कुछ ऐसे ही मुद्दे फ्राइडे को साकेतनगर स्थित डॉ. वीरेंद्र स्वरूप इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटर स्टडीज के स्टूडेंट्स ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी की ओर से ऑर्गनाइज किए गए 'मिलेनियल्स स्पीक' के दौरान कहीं.

रोजगार का सृजन करना होगा
अनमोल, वैभव, श्रेया व अविरल ने कहा कि हमें ऐसा नेता चाहिए, जो यूथ के फ्यूचर के लिए एमएनसीज को मौका दें. शहर में आईटी पार्क का निर्माण हो और मल्टी नेशनल कंपनीज को सेफ्टी के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. जब उन्हें शहर में भी पैर जमाने के लिए पूरी सुविधाओं के साथ भरपूर मौके मिलेंगे तो कंपनियां खुद ब खुद अट्रैक्ट होंगी. ऐसा होने पर यूथ को जॉब के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. सिटी में रोजगार भी बढ़ेगा.

अनइम्प्लॉयमेंट का राेना न रोएं
अनइम्प्लॉयमेंट की बात पर कुछ स्टूडेंट्स ने इसका विरोध कर दिया और कई एग्जाम्पल देते हुए कहा कि मौके बहुत हैं और अपने टैलेंट के अनुसार काम किया जा सकता है. इसलिए, अनइम्प्लॉयमेंट का रोना न रोएं. बताया डिजिटल इंडिया के सपने ने भी भी यूथ को रोजगार के भरपूर मौके दिए हैं. आज लोग खाने, पीने से लेकर पहनने तक का सामान ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं. इस सामान की डिलीवरी करने वाला भी आसानी से अपने परिवार का पेट पाल रहा है. अगर आपके अंदर टैलेंट है और आप दुनिया क्या कहेगी ये नहीं सोचते हैं तो आपके पास इम्प्लॉयमेंट के तमाम अवसर मौजूद हैं.

पॉपुलेशन कंट्रोल करनी होगी
कुछ यूथ गवर्नमेंट के कामों से सेटिस्फाइड दिखे तो कुछ और सुधार की उम्मीद करते दिखे. पलक, पार्थ और महक ने कहा अगर गवर्नमेंट की किसी योजना का लाभ सभी को चाहिए तो इसके लिए सबसे पहले पॉपुलेशन को कंट्रोल करना होगा. दिलशीन, प्रशांत और शिवम ने भी उनकी बात पर अपनी सहमति जताते हुए पॉपुलेशन कंट्रोल को अपना मुद्दा बताया. कहा आज शहर में हर चौराहे पर जाम की समस्या का समाना करना पड़ता है, जिसका एक कारण पॉपुलेशन ही है. उन्होंने कहा अगर कोई गवर्नमेंट इस ओर गंभीरता से ध्यान देती तो हर एक व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकता था. यूथ ने ऐसी ही पार्टी को वोट करने की बात कही, जो इस मुद्दे को अपना चुनावी मुद्दा बनाएगी.

रिजर्वेशन की जगह सब्सिडी दें
पिया, मानसी, अद्विता व यशीर ने कहा कि कंट्री से आरक्षण खत्म होना चाहिए, लोगों को अपने अंदर हुनर पैदा करने के लिए प्रेरित करना चाहिए. अगर गवर्नमेंट को हेल्प करनी ही है तो रिजर्वेशन खत्म करके हर क्षेत्र में सब्सिडी देना शुरू करें. अगर कोई गरीब है, तो उसे छूट मिलनी चाहिए. लोगों को यह पता होना चाहिए कि अगर आगे बढ़ना है तो उनका टैलेंटेड होना जरूरी है. इससे लोग मेहनत करेंगे और इसके बाद जब किसी गरीब या निचले वर्ग को जॉब मिलेगी तो उसके साथ ही सामान्य लोगों की भी खुशी का ठिकाना न रहेगा. लेकिन, सिर्फ जाति धर्म के आधार पर मिलने वाले रिजर्वेशन से सामान्य आहत हैं. गवर्नमेंट को यूथ को भीख देनी बंद कर यूथ के लिए नई योजनाओं पर विचार करना चाहिए.

ठोस कदम से मिटाएं करप्शन
पीयूष, इशिता व चंचल ने कहा कि कंट्री में आज भी करप्शन पर काम करना बांकी है. गवर्नमेंट की ओर से मिलने वाली अच्छी खासी सैलरी के बाद भी कर्मचारी जब तक दो नंबर की कमाई अपनी जेब में नहीं डालते उन्हें चैन नहीं मिलता. इसी स्थिति से निपटने के लिए एक ऐसा हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए, जिस पर इस संबंध में कम्प्लेन कर हम करप्ट पर्सन के खिलाफ कार्रवाई करा सकें. जब इस तरह की हेल्प लाइन होगी तो करप्शन फैलाने वालों में भी डर होगा.

एग्रीकल्चर सेक्टर को मिले बढ़ावा
मुस्कान, सुयश व मुस्कान ने कहा कि हमें एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के प्लान पर काम करने की जरूरत है. ऐसी गवर्नमेंट चाहिए, जो किसानों का कर्ज माफ करने के बजाय उन पर लगने वाले टैक्स को खत्म करें. किसानों को सस्ता ट्रांसपोर्टेशन मिलना चाहिए. देश का किसान मजबूत होगा तो हम भी मजबूत होंगे. इसलिए, इस दिशा में प्रयास करना हमारी प्राथमिकता में शामिल होना चाहिए.

मिलेनियल्स वर्जन-

-इलेक्शन पास आते ही नेता हमें लालच देने की हर चाल चलने लगते हैं. लेकिन, यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है. हमें वोट करना चाहिए और ऐसे व्यक्ति को वोट देना चाहिए, जो हमारे मतलब के मुद्दे की बात करे.

- यूथ को भाषण नहीं चाहिए. इम्प्लॉयमेंट चाहिए, जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सकें. यह बात सच है कि कुटीर उद्योग बढ़े हैं. लेकिन, सिर्फ यही करना होगा तो फिर युवा शिक्षा क्यों ग्रहण करेगा.

- एजूकेशन के क्षेत्र में काम होना चाहिए. स्कूल अगर सरकारी हो तो भी वहां कानवेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा मिलनी चाहिए. गवर्नमेंट करोड़ों रुपए इन स्कूलों और टीचर्स पर खर्च करती है तो फिर हम प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को क्यों भेजते हैं.

- करप्शन का मुद्दा हर सरकार में उठाया जाता है. इसे खत्म करने के लिए प्रजेंट गवर्नमेंट ने कुछ काम किए है. लेकिन, बात जब जड़ से करप्शन को खत्म करने की बात होती है, तो इसे एक मिशन की तरह लेना चाहिए.

- पॉपुलेशन कम होगी तो लोगों को रोजगार भी मिलेंगे. वैकेंसी जितनी होती हैं, उससे कहीं ज्यादा काम करने वाले होते हैं. इनमें से जो काबिल होते हैं, उनको जॉब मिल जाती है और जो रह जाते हैं, वो अनइम्प्लॉयमेंट का बात करते हैं.

- गवर्नमेंट किसी की भी हो, लेकिन उसे जनता के हित में फैसले लेने चाहिए. गवर्नमेंट को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके किसी फैसला का बुरा प्रभाव जनता पर न पड़े, क्योंकि उनका एक फैसला जनता के लिए बड़ी मुसीबत ला सकता है.

- पालीटिशियन्स युवाओं को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं. राजनीति में भी ऐज डिसाइड होनी चाहिए. ज्यादा ऐज वालों को राजनीति से सन्यास लेना चाहिए, जिससे युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल सके.

- शिक्षा के लिए लोग बाहर जा रहे हैं. जो व्यवस्थाएं स्टूडेंट्स को बाहर मिल रही हैं, वो कानपुर में क्यों नहीं मिल सकती है. शिक्षा के स्तर को सुधारने की बात करने वाले को यूथ्स का वोट जाएगा.

कड़क मुद्दा
पुलिस की कार्यशैली पर अंकुश बहुत जरूरी है. पुलिस किसी पर भी दबाव बना कर गलत को सही और सही को गलत साबित कर देती है. उन्होंने कहा कि आज कल तो मीडिया भी सवालों के घेरे में खड़ी होने लगी है. कई बार दबाव या किसी लालच में आकर मीडिया सच्चाई को सामने नहीं लाती है. ऐसे मुद्दों को गंभीरता से लेने वाली सरकार चाहिए.

मेरी बात-
पॉपुलेशन पर गवर्नमेंट को काम करना बहुत जरूरी है. हमारी कंट्री की पॉपुलेशन कम होगी तो हम उतने ही खुशहाल होंगे. गवर्नमेंट की योजनाओं का ठीक से लाभ भी मिल सकेगा. लोगों को यह समझने की जरूरत है. आज भी हमारी कंट्री में जाति धर्म के नाम पर लोग एक या दो बच्चों से ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं. भले ही उनकी अच्छी परवरिश न कर सकें. लड़का हो या लड़की दोनों के बीच अंतर समझने वालों को आजकल के जमाने में आगे चलकर अफसोस करना पड़ता है.

वर्जन

- सिटी में लोगों को सिविक सेंस डेवलप करने की बेहद जरूरत है. सिर्फ एक इंसान की गलती से न जाने कितनों को डेली नुकसान उठाना पड़ता है. समय से ऑफिस के लिए निकले लोग कम से कम अपने ऑफिस पहुंच सकें, इसके लिए उन लोगों को सोचना चाहिए, जो बिना किसी काम के सड़कों पर सिर्फ जाम लगाने का काम करते हैं.

ऐसे राजनेताओं को सबक सिखाने का समय आ गया है, जो चुनाव में हमारे घरों की सुबह शाम परिक्रमा करते नजर आते थे. एक एक वोट की भीख मांगते थे. अगर जीतने के बाद वो अपने आप को वीआईपी समझने की गलती करें तो यही समय है, जब हम उन्हें उनकी गलती का एहसास करा सकते हैं. वोट सभी को डालना चाहिए और वोट किसको देना इस बारे में भी अच्छे से सोच विचार कर आगे कदम बढ़ाना चाहिए.

राघव
- एक ओर हम यूथ को स्ट्रांग करने की बात करते हैं, तो दूसरी ओर रिजर्वेशन देकर उन्हें कमजोर करते हैं. मुझे कहीं से नहीं लगता कि रिजर्वेशन देना या किसानों का कर्ज माफ कर देना किसी समस्या का हल है. नेता सिर्फ सत्ता के लालच में यूथ को बेरोजगारी भत्ता की भीख देने का लालच देते हैं. जबकि, उनको भी पता है कि 2000 रुपए में उनके घर का खर्च चल पाना मुश्किल है. इसलिए, यूथ को ऐसे लालच से बचने की जरूरत है.