वोट देने से पहले यंग जेनरेशन यह देखती है कि कौन सी पार्टी और कैंडीडेट यूथ के लिए अच्छी सोच रखता है और उसी आधार पर वह वोट करता है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या जस की तस है। बूथ तक यूथ आना चाहता है लेकिन वहां उन्हें अपनी च्वायस के कैंडिडेट अभी तक नहीं दिख रहे।

सिर्फ बात नहीं vote करें

यह भले ही पहली बार लोकतंत्र का उत्सव मनाने जा रहे हो लेकिन यह गंभीर है और इनका माइंड सेट एक दम क्लियर है। किस को वोट देना है, प्रत्याशी कैसा होना चाहिए और उसकी परख कैसी होगी। यह यंगस्टर्स को पता है इसलिए वह भी इस महापर्व में शामिल होना चाहते हैं लेकिन अपनी शर्तों के साथ।

रखे अपनी समझ

एलयू स्टूडेंट त्रिगुना सिंह ने बताया कि कैंडीडेट भले ही किसी भी पार्टी का हो लेकिन उसे डिसीजन करना आता हो उसकी अपनी समझ हो तभी वह जनता के लिए कुछ कर पाएगा वरना जो पार्टी कहेगी वही करेगा। स्टूडेंट ताबिंदा जैदी ने बताया कि वह पब्लिक सर्वेंट की तरह काम करे और उसका कोई क्रिमिनल रिकार्ड ना हो। जो साफ सुथरी छवि रखता होगा, वही वोट लेने के काबिल होगा।

Basic leval पर काम करें

स्टूडेंट अर्चना ने बताया कि बड़े बड़े डिग्री कॉलेज खोलने से कुछ हासिल नहीं होगा। नेताओं को जमीनी लेवल पर कुछ करना होगा। जब गांव में पढऩे वाला बच्चा स्कूल जाएगा तभी देश तरक्की की राह पर आएगा। सरफराज ने बताया कि चुनाव आते ही नेताओं के वादे शुरु हो जाते हैं, आज भी लोगों की बेसिक प्राब्लम साल्व नहीं हो पाई है। जो अच्छा है वह बहुत अच्छा होता जा रहा है जो खराब है वह और खराब हो गया है।

Youngsters की बात करें

बीएससी स्टूडेंट फरजान हैदर ने बताया है कि बिजली, पानी और सड़कें बनवाने का वादा करके अगर कोई नेता सोचता है कि वह चुनाव जीत लेगा तो वह गलत सोचता है। उसको यंगस्टर्स के लिए कुछ एक्स्ट्रा करना होगा। रोजगार सबसे बड़ी प्राब्लम है इस मुद्दे पर बात करने वाला ही यंगस्टर्स का लीडर होगा।

बीकॉम स्टूडेंट आशीष ने बताया कि इस समय स्टूडेंट्स की बात रखने वाला कोई लीडर नहीं है। इसलिए जो हमारी बात करेगा वही वोट पाएगा जबकि जीशान कहते है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज में पढऩे वाले स्टूडेंट परेशान हैं, फीस बढ़ती जा रही है और फैसिलिटीज कम होती जा रही है।

No criminal record

रिसर्च स्कालर प्रियंका ने बताया कि क्रिमनल रिकार्ड रखने वाला प्रत्याशी को तो एक भी वोट नहीं देनी चाहिए। वोट डालने से पहले परख लेना चाहिए कि प्रत्याशी एजुकेटेड है कि नहीं, उसका कोई क्रिमिनल रिकार्ड तो नहीं है। दिशा अरोरा कहती हैं कि यंग डायनामिक और अच्छी एजुकेशन वाले प्रत्याशी ही यंगस्टर्स की फस्र्ट च्वाइस है।

वोट देकर मिटाएं करप्शन

बीए स्टूडेंट सुरभि कहती हैं कि घर पर बैठ कर बातें करने भर से करप्शन नहीं मिटेगा। उसके लिए खास कर यंगस्टर्स को आगे आना होगा। इसलिए यंगस्टर्स साफ छवि के प्रत्याशियों का चुनाव करें और उसको वोट दे तभी करप्शन मिट पाएगा। वोट देना हमारा अधिकार है इसलिए हम सब इसे जरूर प्रयोग करेंगे.