जैसा कि हम सभी जानते हैं कि बिग बी अपनी अगली फिल्म बुड्ढा होगा तेरा बाप में एक 60 साल के ऐसे सीनियर का रोल प्ले कर रहे हैं जो दिल से जवान है और उसे बुड्ढा कहलाने से सख्त परहेज है...
क्या ये सच है कि फिल्म में आपका लुक रजनीकांत से इंस्पायर्ड है?
नहीं. पुरी जगन्नाथ (फिल्म के डायरेक्टर) ने मेरे सामने इस कैरेक्टर को कूल, खुशमिजाज बंदे के रूप में डिस्क्राइब किया जिसका किसी वक्त पर एक मिशन था. ये एक कलरफुल टाइप का कैरेक्टर है. इसलिए हमने उसी हिसाब से आउटफिट्स डिजाइन करवाए हैं. ज्यादातर वॉर्डरोब मेरी पर्सनल है जैसे ग्लेयर्स, जैकेट्स और जींस वगैरह. स्कार्फ डिजाइनर ने डिजाइन किए हैं.
क्या ये सच है कि 7 टीजर्स की कीमत 2 करोड़ रुपए है?
मुझे नहीं पता. ये तो आपको वायाकॉम से पता करना होगा. आप अपनी मॉडर्न थिंकिंग के लिए जाने जाते हैं. लेकिन क्या नई जनरेशन में कुछ ऐसा है जो आपको नहीं पसंद? हर जनरेशन की अपनी सोच होती है. हमारी लाइफ और जनरेशन अलग है. लेकिन कुछ चीजें हैं जो हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे फॉलो करें. बतौर पैरेंट मैं ध्यान देना चाहूंगा कि हमारे बच्चे क्या सीख रहे हैं. मैं किसी भी चीज को लेकर इन्टॉलरेंट नहीं हूं.
लेकिन फिल्मों में यूज होने वाली गाली-गलौच आपको पसंद नहीं...
वो तो है. मैं इसे पर्सनली यूज नहीं करता क्योंकि मुझे ये सही नहीं लगती. मैं फिल्मों में इसे यूज नहीं करता क्योंकि ये पब्लिक प्लेटफॉर्म है और मैं इसमें खुद को कम्फर्टेबल मसहूस नहीं करूंगा. मैं गाली-गलौच वाली लैंग्वेज पसंद नहीं करता, लेकिन इस जनरेशन को ये पसंद है और इसे आराम से यूज करती है, ये उनका पर्सनल डिसीजन है. ये नजरिया मेरा खुद के लिए है.
यंगस्टर्स के मुंह से बड़े आराम से गालियां निकलती है. क्या सिनेमा असल जिंदगी का आइना नहीं है?लेकिन मसला ये है कि क्या ये सोसाइटी के लिए ठीक है?
आप सोच सकते हैं कि ये सही है लेकिन हो सकता है अगला ऐसा न सोचे. मुझे लगता है कि अगर आपका प्रभाव दूसरे पर पडऩे वाला है. आप ऐसा नहीं कर सकते.
क्या आपको लगता है कि मॉडर्न स्क्रिप्ट्स और लिरिक्स में पुराने दिनों का चार्म नहीं है?
हां, मुझे लगता है कि उन दिनों के लिखने का तरीका काफी शायराना था, कई सारे अर्थ थे उसमें. अपनी पुरानी फिल्म जैसे अग्निपथ, दीवार वगैरह फिल्मों के डायलॉग्स से मुझे जो रिएक्शन मिला, वह आज भी जबरदस्त है. यंग जनरेशन इसे आज भी सुनना चाहती और उनमें से कई तो उस वक्त पैदा भी नहीं हुए थे. इससे पता चलता है कि उनमें एक तरह का अट्रैक्शन था जो आज नहीं दिखाई देता.
आपकी शादी को 38 साल हो गए. क्या आपको लगता है कि शादी आज की मॉडर्न जनरेशन के लिए कारगर है?
क्यों नहीं? बिल्कुल. मुझे इसमें कोई प्रॉब्लम नजर नहीं आती.
ऐसी कोई विश जिसे आप अब पूरा करना चाहते हैं?
मैं एक फॉरेन लैंग्वेज: फ्रेंच, जर्मन या रशियन सीखना चाहता हूं. एक म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट पियानो या सितार सीखना चाहता हूं.
आपको जनरेशन गैप कब फील होता है?
इतना खास नहीं होता. मैं काफी फ्री थिंकिंग का हूं. मुझे गैप तब महसूस होता है जब मैं 60 और 70 का म्यूजिक सुनता हूं, और जब ये यंगस्टर्स इससे रिलेट नहीं कर पाते.
क्या आपको अपने पुराने दिनों के किसी साथी का साथ छूटने का मलाल है?
मुझे उस वक्त का ना होने का रिग्रेट है जिस वक्त बिमल रॉय, महबूब खान और गुरु दत्त जैसे जीनियस लोग फिल्में बनाया करते थे. जिन लोगों के साथ मैंने काम किया है उनमें से मैं मिस करता हूं ऋषि दा (ऋषिकेश मुखर्जी), प्रकाश मेहरा, मनमोहन देसाई और सलीम-जावेद के कॉम्बिनेशन को. बाकी मेरे पर्सनल फ्रेंड्स में से मैं सबके टच में हूं.
क्या आप खुद को ऑप्टिमिस्ट कहलाना चाहेंगे?
नहीं, मैं पेसिमिस्ट हूं. मुझे हमेशा चीजों के गलत होने का डर रहता है.
प्रोड्यूसर के नजरिए से हमें बुड्ढा होगा तेरा बाप के बारे में और कुछ बताएं....
पुरी जगन्नाथ फिल्म बना रहे हैं. मैं उनकी कुछ फिल्में जैसे पोखरी (जो बाद में वॉन्टेड बनी) देखी हैं. राम गोपाल वर्मा उन्हें हमारे पास लाए थे. हमें स्क्रिप्ट पसंद आई और अभिषेक ने इसे प्रोड्यूस करने का डिसीजन लिया. हमने इसे 10 करोड़ में बनाया.
फिल्म में हेमा जी मेरे साथ फिर से होंगी और साथ में होंगी रवीना, सोनल चौहान और चार्मी. म्यूजिक है विशाल शेखर का. मैंने तीन गाने गाए हैं. एक मेड्ले है जिसे अभिषेक ने गाया है.