बढ़ा है गांजा का अवैध कारोबार
स्टेट में पिछले 5 साल में गांजा के अवैध कारोबार में 25 से 30 टाइम तक की बढ़ोतरी हुई है। एनडीपीएस यानी नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की रिकार्ड के मुताबिक स्टेट में वर्ष 2008 में जहां 33 किलो और 51 पुडिय़ा गांजा सीज किया गया था, वहीं वर्ष 2013 में बढक़र 950 किलो 730 ग्राम व 80 पुडिय़ा तक पहुंच गया है।

नशा के कारोबार में city का है अहम role
अवैध गांजा के बढ़ते कारोबार का पता पुलिस द्वारा किए गए सीजर से चलता है। भारी मात्रा में गांजा सीज होने से यह पता चलता है कि स्टेट में इसके कितने यूजर्स है। जमशेदपुर गांजा के बिजनेस के हब के रूप में उभर रहा है। सिटी के रास्ते ही गांजा के खेप को एक स्टेट से दूसरे स्टेट तक पहुंचाया भी जाता है।

गांजा का नशा हुआ आम
स्टेट में गांजा का नशा करने वालों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नशा करने वालों में 40 परसेंट शराब और 50 परसेंट गांजा का सेवन करने वाले होते हैं। इसके अलावा अन्य 10 परसेंट अलग-अलग तरह का नशा करते हैं। रेग्यूलर नशा करने के कारण आदमी की मानसिक स्थिति खराब हो जाती है और उसे ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है।

बिहार और झारखंड में गांजा का प्रोडक्शन होता है। वैसे तो शुरू से ही गांजा का नशा करने वाले रिनपास में आते रहे हैं, लेकिन हाल के दिनों में इनकी संख्या बढ़ी है। इनमें 25 से 35 साल की एज ग्रुप वालों की संख्या बढ़ रही है।
अमोल रंजन, डायरेक्टर, रिनपास, रांची