- दैनिक जारगण आई नेक्स्ट की खबर पढ़ने के बाद मदद को पहुंची युवाओं की टीम

- जरूरी सामान के साथ दिए कंबल

GORAKHPUR: जिला अस्पताल में दो माह से अपनों के इंतजार कर रहे अनिल के चेहरे पर थोड़ा मुस्कान सजी। नेपाल का अनिल ढाई माह से जिला अस्पताल में भर्ती अनिल जोकि शरीर से लाचार है और पत्र लिखने और फोन करने के बाद भी परिवार का कोई देखभाल के लिए नहीं पहुंच सका है, उनकी मदद के लिए कुछ युवाओं ने कदम बढ़ाया है। नाबीला वुमन एंड स्पैरो वेलफेयर सोसाइटी के मेंबर्स मंगलवार को जब उसकी मदद के लिए पहुंचे तो अनिल की आंखों से आंसू छलक आए।

आई नेक्स्ट पढ़ मदद को पहुंचे

चार जनवरी को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में 'बेबसी में अपनों ने भी छोड़ा, अस्पताल में मौत का इंतजार' हेडिंग से न्यूज पब्लिश की। जिसके बाद सोसाइटी के प्रबंधक आतिफ जफर और मोहम्मद तालिब की अगुवाई में नुमान उमैर, जैन, फैजान, ओवैस, साद, अब्दुल्लाह व शमीम अनिल की मदद के लिए मंगलवार को खाने-पीने के साथ उसकी जरूरत के कुछ सामान और कम्बल लेकर पहुंचे। पराए लोगों का अपनापन देखकर अनिल भावुक हो उठा। सभी युवाओं ने उससे हालचाल पूछा और हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। काठमांडू के शांतिपूर का अनिल यादव बैचलर है, पैसे कमाने के लिए वह दिल्ली की एक डेयरी में काम कर रहा था। तबियत खराब हुई तो मालिकों ने बिना पैसे दिए ही गोरखपुर जाने वाली ट्रेन में बैठा दिया था। शरीर का अधिकांश हिस्सा काम नहीं करने के कारण दो दिनों तक वह रेलवे स्टेशन पर ही पड़ा रहा। एक व्यक्ति की मदद से जिला अस्पताल पहुंचा जहां ईलाज के बाद डाक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया।