आई स्पेशल

- 100 नंबर पर कॉल करते ही 'यूपी 100 इमरजेंसी सर्विसेज' एप पांच करीबियों को फॉरवर्ड कर देगा मैसेज

- पुलिस के साथ करीबियों से भी मिल सकेगी मदद, आसानी से लोकेशन होगी ट्रैक

GORAKHPUR: प्रदेश सरकार की यूपी 100 योजना से सिर्फ पुलिस ही नहीं, बल्कि इमरजेंसी हालात में आपके करीबी भी आपके पास होंगे। मुसीबत के वक्त 100 नंबर पर की जाने वाली कॉल अपने आप आपके पांच करीबियों तक भी पहुंच जाएगी। यूपी 100 के एप 'यूपी 100 इमरजेंसी सर्विसेज' पर अपना रजिस्ट्रेशन करने के लिए मांगी गई जानकारी देनी होगी। किसी प्रॉब्लम में फंसने पर 100 नंबर पर कॉल करते ही एप के जरिए पुलिस पीडि़त को लोकेट कर लेगी। शनिवार को यूपी 100 के इनॉगरेशन में यह जानकारी सामने आई। मौके पर ही कई लोगों ने एप्लीकेशन डाउनलोड कर लिया।

डाउनलोड कराना होगा रजिस्ट्रेशन

यूपी 100 का एप्स गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इमरजेंसी पुलिस रिस्पांस फॉर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी आफ सिटीजन्स ऑफ यूपी के लिए बने इस एप्लीकेशन में इमरजेंसी मैसेज भेजने की व्यवस्था की गई है। कोई भी व्यक्ति इस एप्लीकेशन के माध्यम से मुसीबत में पुलिस के साथ-साथ अपने करीबियों की मदद ले सकेगा। आईजी ने बताया कि यूपी 100 पर कॉल करते ही एप्लीकेशन के जरिए फीड नंबर्स पर सूचना चली जाएगी। इससे अगला व्यक्ति यह जान जाएगा कि आप मुसीबत में हैं। वह अपने स्तर से भी आप की मदद का प्रयास शुरू कर देगा।

एप का ऐसे होगा उपयोग

- गूगल प्ले स्टोर पर जाकर 'यूपी 100 इमरजेंसी सर्विसेज' का एप डाउनलोड करें।

- एप्लीकेशन में नाम, पता, परमानेंट मोबाइल नंबर, अल्टरनेट मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी देकर रजिस्ट्रेशन करें।

- रजिस्ट्रेशन के दौरान मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वन टाइम पासवर्ड मिलेगा। वन टाइम पासवर्ड फीड करने के बाद एप्लीकेशन में अन्य जानकारी भरिए।

- नाम, पता, जॉब, ब्लड ग्रुप सहित अन्य जानकारी फीड करिए।

- इसके बाद इमरजेंसी में मदद के लिए पांच मोबाइल नंबर्स फीड करिए।

- फिर पांच चुनिंदा स्थानों का ऑप्शन सामने आएगा। इसमें घर, माता-पिता, बेटे का स्कूल, बैंक सहित पांच लोकेशन सेव कीजिए।

- किसी मुसीबत में यूपी 100 नंबर्स पर काल करते ही सेव मोबाइल नंबर्स पर भी सूचना फॉरवर्ड हो जाएगी। जीपीएस के जरिए गूगल मैप पर लोकेशन ट्रैक हो जाएगी।

इस तरह काम करेगा यूपी 100

- यूपी 100 का नेटवर्क पूरी तरह से इंटरनेट और रोड मैपिंग बेस्ड है।

- शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम बाई एयर ऑनलाइन रहेंगे।

- पूरे शहर की लोकेशन को स्क्रीन पर देखा जा सकेगा।

- घटनास्थल का लैंडमार्क, मैपिंग सैटेलाइट के जरिए लोकेट की जाएगी।

- पीडि़त के कॉल करते ही घटनास्थल की लोकेशन तत्काल ली जाएगी।

- पीडि़त के कॉल करने पर उसकी लोकेशन को ट्रेस किया जाएगा।

- कंट्रोल रूम से वैन में तैनात पुलिस कर्मचारियों को सूचना दी जाएगी।

- एमडीटी, वायरलेस और मोबाइल मैसेज का इस्तेमाल कंट्रोल रूम करेगा।

- निर्धारित समय के भीतर पुलिस मौके पर पहुंचेगी।

- पीडि़त को पुलिस टीम तुरंत सेवा उपलब्ध कराएगी।

- यूपी 100 की टीम लोकल थाने की पुलिस को घटना की जानकारी देगी।

- कंट्रोल रूम से पीडि़त के पास फीडबैक कॉल की जाएगी। उससे कार्रवाई की जानकारी लेने के साथ पुलिस कर्मचारियों के व्यवहार के बारे में पूछा जाएगा।

- पीडि़त के संतुष्ट होने पर ही कॉल पूरी मानी जाएगी। वरना पूरी प्रक्रिया को फिर से किया जाएगा।

वर्जन

इस एप्लीकेशन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पीडि़त की लोकेशन पुलिस को मिल जाए। किसी अंजान जगह पर पीडि़त के होने पर पुलिस उसे ट्रैक कर लेगी। साथ ही एप्लीकेशन पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर्स पर ऑटोमैटिक मैसेज चला जाएगा। इससे पीडि़त को आसानी से मदद मिल सकेगी।

- मोहित अग्रवाल, आईजी जोन