अब जब असेम्बली इलेक्शन में नेताजी की हार-जीत का सारा दारोमदार ‘यूथ वोट बैंक’ पर आ टिका है. ऐसे में पॉलिटिकल पार्टीज और लीडर्स के लिए यूथ की एक्सपेक्टेशन्स और डिमांड्स को नजरअंदाज कर पाना आसान नहीं होगा. आई नेक्स्ट ने फ्राइडे को यूनिवर्सिटी, एचबीटीआई, कॉलेजेज के अलावा पब्लिक प्लेसेज पर यूथ से बातकर जानी उनके दिल की बात. यूथ के मुताबिक जो पार्टी उनके एजेंडों को प्रमुखता से अपने मेनिफेस्टो में शामिल करेगी. उन पार्टीज के कैंडीडेट्स को असेम्बली तक पहुंचाना उनकी प्रॉयोरिटीज में शामिल होगा.
एजेंडा नंबर-1: Employment
ये है यूथ की लिस्ट में शामिल पहला एजेंडा. यूनिवर्सिटी-कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स हो या हायर-टेक्निकल इंस्टीट्यूट में प्रोफेशनल कोर्स करने वाला जेनरेशन-वाई का सेगमेंट. हर किसी की प्रॉयोरिटी लिस्ट में ‘इम्प्लॉयमेंट’ पहले नंबर पर है. यूनिवर्सिटी स्टूडेंट विशाल के मुताबिक इम्प्लायमेंट सबसे बड़ा मुद्दा है.
एजेंडा नंबर-2 : Education
सोसाइटी जितनी ज्यादा एजुकेटेड होगी. करप्शन और क्राइम रेट में उतना ही ज्यादा कमी आएगी. यह मानना है जेनरेशन-वाई का. सर्विसमैन मानस द्विवेदी के मुताबिक पढ़ी-लिखी जेनरेशन का क्राइम से इत्तेफाक नहीं होता. क्योंकि जो क्वालीफाइड होगा. वो वॉयलेंस-फ्री इम्प्लॉमेंट में यकीन रखेगा. शुरुआत तो कहीं न कहीं से करनी ही पड़ेगी.
एजेंडा नंबर-3 : Corruption
सिटी यूथ्स की प्रायोरिटी लिस्ट में ‘करप्शन’ तीसरे नंबर पर है. दूसरे शब्दों में यूथ करप्शन नाम के वायरस से काफी परेशान हैं. बीकॉम स्टूडेंट सरताज खान के मुताबिक जेनरेशन-वाई को भी ‘करप्शन’ से कदम-कदम पर जूझना पड़ रहा हो.
एजेंडा नंबर-4 : Crime
यूथ का नेक्स्ट कन्सर्न बढ़ती आपराधिक वारदातें हैं. सिटी के क्राइम ग्राफ पर नजर डालें तो यहां क्राइम तेजी से बढ़े हैं. इनमें भी ईव टीजिंग की घटनाएं सबसे ज्यादा हैं. सिटी का शायद ही कोई ऐसा एरिया होगा जहां क्राइम वारदातें बढ़ी न हों.
एजेंडा नंबर-5 : Development
बीटेक स्टूडेंट नितेन्द्र का कहना है कि गवर्नमेंट अगर सिटी का इंफ्रॉस्ट्रक्चरल डेवलपमेंट कराती है तो हमारे ऊपर कोई एहसान नहीं कर रही है. यह हमारा राइट है और गवर्नमेंट का काम. इसीलिए हम उसे इलेक्ट करते हैं.
National News inextlive from India News Desk