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सिटी में ज्यादातर यंगस्टर्स हेलमेट न पहनने के लिए अपने फ्रेंड्ज के स्टाइल को फॉलो करते है। यंगस्टर्स का कहना है कि फ्रेंड सर्किल में कोई हेलमेट न पहने तो बाकी भी यह स्टाइल अपना लेते हैं। इससे हमेशा के लिए हेलमेट न पहनने की आदत पड़ जाती है। इसके अलावा दोस्तों के साथ लॉन्ग राइड पर जाते समय भी हेलमेट पहन कर बातें करने में दिक्कत होती है। इसके अलावा इसे पहन कर राइडिंग करना बोझिल लगता है जिससे सफर का मजा किरकिरा हो जाता है।

Suffocation का बहाना

हेलमेट पहने बिना सिटी की रोड्स पर सालों से फर्राटा भरने वाले यंगस्टर्स के पास इसे न पहनने का सबसे कॉमन एक्सक्यूज सफोकेशन रहा। बाइक राइडिंग में सिर्फ एक्सीलेटर घुमाने की जहमत करने वाली युवा पीढ़ी को हेलमेट की वजह से निकलने वाला पसीना भी नामंजूर है। यंगस्टर्स का कहना है कि हेलमेट की वजह से उन्हें सफोकेशन, स्वेटिंग और नेकपेन की प्रॉब्लम होती है। यही वजह है जो वह हेलमेट पहनने की सोचना भी कंसीडर नहीं करते। वहीं कई युवाओं ने हेलमेट पहनने की वजह से अपने चारों ओर ठीक से दिखाई न देने और ट्रैफिक में परेशानी की भी वजह बताया।

प्रशासन लापरवाह, हम बेफिक्र

जब एडमिनिस्ट्रेशन ही रूल्स को फॉलो कराने में लापरवाह है तो हम क्यों बेकार में हेलमेट पहनें। हेलमेट को राइडिंग में प्रैक्टिकली यूजलेस समझने वाली यंग ब्रिगेड में से कुछ का यही मानना है। सिटी में आमतौर पर कभी कभार ही हेलमेट न पहनने वालों के खिलाफ अभियान की रस्में निभाई जाती हंै। इससे यंगस्टर्स के हौसले बुलंद और मिजाज बेफ्रिकी भरा रहता है। युवा पीढ़ी में से कुछ ने कंप्लेन करते हुए यह भी कहा कि चेकिंग के दौरान पुलिस 2 को पकड़ती है, तो 4 को बगल से जाने देती है। जब पुलिस ही इसे सीरियसली नहीं लेती तो ऐसे मे हम कैसे सीरियस होंगे।

Looks की tention जिंदगी की नहीं

हेलमेट न पहनने की एक बड़ी वजह यंगस्टर्स का स्टाइल और उनकी जॉब भी है। वजह? यंगस्टर्स में बड़े तबके का कहना है कि हेलमेट पहनने से उनका स्टाइल और लुक छिप जाता है। स्टाइलिश बाइक पर अगर लुक्स ही न दिखें तो फायदा क्या। वहीं मार्केटिंग जॉब करने वाले कामकाजी युवाओं ने हर बार हेलमेट उतारने पहनने को एक झंझट करार दिया। इनका दर्द है कि नए नए क्लांइट से मिलते समय कहां तक हेलमेट कैरी करें। साथ ही इसके चोरी होने और हर जगह कैरी करने की मुसीबत अलग से। यही वजह है कि बैंक, मार्केटिंग और मेडिकल रिप्रेंजेटेटिव जॉब्स करने वाला यूथ अमूमन हेलमेट न पहनना ही प्रिफर करता है।

'फैशन की वजह से हेलमेट लगाना मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। जबकि डैडी बराबर हेलमेट लेने के लिए कहते है लेकिन मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता हूं। हेलमेट लगाने से बाल खराब हो जाते है और सिर में पसीना भी बहुत होता है। हेलमेट कैरी करने में अलग से प्रॉब्लम होती है.'

अजहर खान, स्टूडेंट, रामपुर गार्डन

'हेलमेट की जरूरत ही महसूस नहीं होती है। कही बाहर कम ही आना-जाना होता है। हेलमेट लगाने से पास से कोई गुजर जाता है कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता। ईजी फील नहीं होता है मानों सिर पर कोई बोझ हो। ऑफिस भी कम दूरी पर जिसकी वजह से हेलमेट यूज नहीं करता हूं। हालांकि हाइवे पर जाने से पहले हेलमेट लगा लेता हूं.'

विशाल गुप्ता, सर्विस पर्सन, रामपुर गार्डेन

'माहौल ही ऐसा है कि हेलमेट न पहनने के लिए हैबीच्युअल हो चुके है। जो लिबर्टी मिली है वो भी एक बड़ा कारण है। आज तक मेरा एक भी बार चालान नहीं कटा है जोकि हेलमेट न पहनने का सबसे बड़ा कारण है। मैं भी बाकी यंगटर्स की तरह हेलमेट लगाना पसंद नहीं करता हूं। सबसे बड़ी बात उसे कैरी करना है.'

अभय वैश्य, स्टूडेंट, प्रेमनगर

Report By-Govind Singh