डीजीपी को दी गई शिकायत के अनुसार, चमोली डिस्ट्रिक्ट के पोखणी गांव निवासी मदन चमोली ने करनाल के कुछ युवकों को झांसे में लिया और उन्हें रेलवे में नौकरी दिलाने का झूठा वादा किया। उसके झांसे में आकर नौ युवकों ने मदन को विभिन्न मदों में 28 लाख रुपए दे दिए। मदन चमोली ने युवकों को बता रखा था कि वह करनाल में करनाल रेलवे स्टेशन में बाबू के पद पर तैनात था। यहीं पर युवकों का भी मदन से संपर्क हुआ। आरोप है कि मदन ने अपने उच्च संबंधों का हवाला देकर इन युवकों को नौकरी देने का वादा किया। उसने युवकों को विश्वास में लेने के लिए उनकी बात रेलवे के आलाधिकारियों से भी कराई।

नियुक्ति पत्र पर राष्ट्रीय चिन्ह

शातिर ठग मदन ने युवकों को पूरी तरह झांसे में लेने के लिए उनके लिए लिखित परीक्षा भी आयोजित करा दी, जिसमें सभी युवकों को उत्तीर्ण बता कर उन्हें उत्तर रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र सौंप दिया। यह नियुक्ति पत्र भारत के राष्ट्रीय चिन्ह सहित उत्तर रेलवे की मुहर लगे हुए हैं। इन पत्रों पर रेल मंत्री के निजी सचिव के हस्ताक्षर थे और युवकों को आश्वस्त किया गया था कि नियुक्ति पत्र मुख्य परीक्षा प्रभारी रेल भवन से जारी हुए हैं।

लगाई गुहार

इन नियुक्ति पत्रों को लेकर जब युवक कुरुक्षेत्र स्थित रेलवे कार्यालय गए तो अधिकारियों ने इन दस्तावेजों को फर्जी बता दिया। युवकों को जब इसका पता लगा तो उनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई। उन्होंने किसी तरह मदन से संपर्क साधा। मदन उस समय ऋषिकेश में था। उसने युवकों को करनाल स्थित पीएनबी और एक्सिस बैक के 26 लाख और नब्बे हजार रुपए के चेक थमा दिए, लेकिन वह भी फर्जी निकले। अब पीडि़त युवकों ने डीजीपी ज्योति स्वरूप पांडे के कार्यालय में गुहार लगाई है। पुलिस ने जांच बैठा दी है।