-रिश्ते में चचेरे भाई-बहन थे, परिवार ने नामंजूर कर दिया था रिश्ता

-मृतका थी पॉलिटेक्निक की छात्रा, मृतक कर रहा था ग्रेजुएशन

ALLAHABAD: परिवार के लोगों ने लोक लाज और समाज की दुहाई दी थी। समझाया था कि ऐसा करने से वे सुखी नहीं रहेंगे। इसका असर पूरे खानदान पर पड़ेगा। बेटियां ब्याहना मुश्किल हो जाएगा। कोई हमारे घर रिश्ता लेकर नहीं आएगा। बिरादरी में मुंह दिखाना मुश्किल हो जाएगा। परिजनों की बातों को दोनों में ध्यान से सुना। इसके बाद खाया-पिया और सोने चले गए। लेकिन, सब कुछ सुनने के बाद भी वह एक कठोर फैसला ले चुके थे। इस फैसले की कल्पना सपने में भी परिवार के सदस्यों ने नहीं की थी। सुबह जब युगल के फैसले की परिणति सामने आई तो हर कोई सन्नाटे में आ गया। युगल रात में घर से निकले और ट्रेन के सामने कूद गए। दोनों की आन द स्पॉट मौत हो गई।

कर्जन ब्रिज के समीप मिली बॉडी

मामला कर्जनपुल फाफामऊ रेलवे ट्रैक का है। बुधवार की सुबह यहां एक युवक और एक युवती की बॉडी पाई गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची शिवकुटी थाने की पुलिस ने पड़ताल की तो सामने आया कि दोनों बहरिया थाना क्षेत्र के सराय मदन गांव के रहने वाले हैं। मृतका का नाम सीमा (काल्पनिक नामम) था। वह अमेठी में स्थित कॉलेज से पॉलिटेक्निक कर रही थी। मृतक गौतम (काल्पनिक नामम) अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद से ग्रेजुएशन कर रहा था। वह शिवकुटी में किराए पर कमरा लेकर रहता था और आईटीआई में एडमिशन के लिए मिर्जापुर में कोचिंग भी ले रहा था।

गांव वालों से रिश्ते का खुलासा

सीमा और गौतम रिश्ते में चचेरे भाई थे। गौतम के पिता का निधन हो चुका है। दोनों का परिवार एक ही गांव में रहता है। रिश्ते के चलते दोनों बचपन से ही साथ खेले और पले-बढ़े। दोनों अक्सर साथ में वक्त बिताते थे और एक-दूसरे से हंसी-मजाक करते थे। लेकिन, रिश्ता भाई-बहन का मानकर परिवार का कोई सदस्य शक भी नहीं करता था। दोनों के बीच ज्यादा नजदीकियां तब बढ़ीं जब परिवारवालों ने सीमा का दाखिला अमेठी में स्थित पॉलिटेक्निक में करा दिया। तीन साल पहले सीमा घर से निकली तो दोनों एक-दूसरे की कमी महसूस करने लगे और ज्यादा करीब आ गए। इसके बाद दोनों में मोबाइल पर परमानेंट बातें होने लगी। गांव में आने पर दोनों का रहन-सहन चेंज हो गया। परिवार वालों ने इसे नोटिस नहीं लिया लेकिन, गांव वालों ने ले लिया।

एक महीना पहले बुला लिया घर

गांव वालों ने इसकी शिकायत सीमा के पिता से की तो उन्हें भरोसा नहीं हुआ। लेकिन, शक हो गया था तो उन्होंने मॉनीटर करना शुरू कर दिया। इससे उनका शक और मजबूत हो गया और उन्होंने करीब एक महीना पहले सीमा को घर बुला लिया। तब से वह परिवारवालों के कड़े पहरे में रहती थी। परिवार के लोगों ने उसे समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन न तो सीमा और न ही गौतम कुछ भी सुनने को तैयार थे।

बंदिशें मंजूर नहीं थीं

परिवार के सदस्य इस मामले में कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं थे। पोस्टमार्टम हाउस पर चल रही चर्चाओं के अनुसार मंगलवार की रात सीमा और गौतम दोनों गांव में थे और नार्मल विहैब करते हुए रात का खाना खाया और सोने चले गए। पर, इससे पहले शायद दोनों तय कर चुके थे कि कब, क्या करना है। रात में दोनों कब घर से निकले? किसी को पता भी नहीं चला। सुबह दोनों की मौत की खबर ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया।