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क्कन्ञ्जहृन् : बिहार में शराबबंदी होने के बाद भी शराब की उपलब्धता आसानी से हो रही है। इसको रोकने में शासन पूरी तरह विफल रहा है। शराब का सेवन घर ही नहीं अस्पताल में भी किया जा रहा है। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा राम भरोसे है। इसका खुलासा कंकड़बाग थाना क्षेत्र के स्वास्तिक अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हुआ। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर शराब पीकर ऑपरेशन किया, इस कारण मरीज की मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने अस्पताल में छापेमारी की तो वहां से एक बोरा शराब की बोतल बरामद हुई। यह देख पुलिस भी सन्न रह गई। इसके बाद पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। मामले में पुलिस प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करेगी।

3 फरवरी को हुआ था एडमिट

छपरा के मशरख निवासी 35 वर्षीय लालबाबू के पेट में दर्द हुआ। इसके बाद उन्हें छपरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से 3 फरवरी को उन्हे पटना के कंकड़बाग स्थित स्वास्तिक अस्पताल में एडमिट कर दिया गया था। इसके बाद बीती रात में उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि हमलोगों से पांच लाख रुपए की मांग की गई। रुपए देने के बाद भी ये लोग मेरे मरीज को मार डाला। परिजनों का अरोप है कि प्रबंधन ने किडनी निकाल लिया है। हालांकि पुलिस मामले में जांच कर रही है।

कर्ज लेकर दी थी फीस

मृतक के परिवार के लोगों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने कहा था कि 5 लाख रुपए जमा करा दो तो तुम्हारे मरीज को सही कर देंगे। हमलोगों ने उधार लेकर रुपया जमा कराया था। इसके बाद भी हमारे मरीज को ये लोग मार डाले। इसमें प्रबंधन की पूरी तरह लापरवाही है।

दो घंटे तक किया सड़क जाम

लालबाबू की मौत के बाद परिजन काफी आक्रोशित हो गए। उनलोगों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। साथ ही अस्पताल में तोड़फोड़ कर दिया। इस बीच आसपास के लोगों को अस्पताल परिसर से शराब की बोतल मिलने की जानकारी मिली। इसके बाद सभी लोग वहां से इकट्ठा हो गए और नारेबाजी करते हुए सड़क जामकर दिया।