Youth का रहा involvement

बात केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है। राजस्थान, एमपी और छत्तीसगढ़ में भी एक अलग ट्रेंड देखने को मिला। इन चारों स्टेट्स में रिकॉर्ड वोटिंग हुई, कहीं पर 65 परसेंट से ज्यादा तो कहीं पर 70 परसेंट से ज्यादा। ओवरऑल सभी स्टेट्स को मिलाएं तो वोटिंग परसेंटेज 65 के करीब रहा। असल में इस बार यूथ ने इस महापर्व में बढ़-चढ़कर पार्टिसिपेट किया। आमतौर पर लंबी लाइन में लगकर वोट देने से कतराने वाले युवाओं ने इस दफे बागडोर सौंपने की जिम्मेदारी अपने ही कंधों पर रखी।

Experiment of awareness

पॉलीटिक्स की समझ रखने वाले एक्सपट्र्स की मानें तो यह आम आदमी की नाराजगी और गुस्सा है। नाराजगी व गुस्सा पहले भी था लेकिन इस बार जागरूकता ने उन्हें एक्सपेरीमेंट करने पर मजबूर कर दिया। आम लोग महंगाई से जूझ रही है तो दूसरी तरफ उनके रिपे्रजेंटेटिव्ज घोटालों में लिप्त हैं। इसको लेकर आम लोगों में जबरदस्त गुस्सा था। आप जैसी पार्टी ने उन्हें जागरूक करने का काम किया। उन्हें अपने अधिकार का प्रयोग करने की ताकत का अहसास दिलाया। यही वजह है कि पब्लिक ने दिल खोल कर अपने मताधिकार का यूज किया।

यूथ मांगे change

आज युवाओं का जमाना है। उनकी सोच और करनी में गजब की क्रांति है, वे चेंज चाहते हैं। चेंज रिप्रेजेंटेटिव्ज में, चेंज मुद्दों और पूरे सिस्टम में। बेटर एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर चाहने के साथ नेता भी अपने जैसा चाहते हैं, जो अनबायज्ड हों और उनकी तरह बात करें काम करे। युवाओं की मानें तो आप से उन्हें अपनेपन का अहसास हुआ, उन्हें लगा कि इस बार बदलना जरूरी है।

कैरिजमैटिक मूवमेंट

सोशियोलॉजिस्ट इसे एक चमत्कारिक आंदोलन के रूप में देखते हैं। उन्होंने पॉलीटिक्स में इसे एतिहासिक घटना करार दिया है। उनका मानना है कि करप्शन एक बड़ा इश्यू है। एंटी करप्शन मूवमेंट ने आम लोगों को काफी हद तक प्रभावित किया। पॉलीटिकल पार्टीज की आईडियोलॉजी से आम पŽिलक त्रस्त हो चुकी है। ऐसे में राजनीतिक तरीकों में सुधार ना आने की यह लोगों का रिएक्शन है। सामाजिक सुधार की राह में एक पॉजीटिव स्टेप है। वोटिंग पर्सेंटेज का बढऩा पŽिलक की अवेयरनेस को दर्शाता है, जो हेल्दी डेमोक्रेसी का हेल्दी साइन है। आप पार्टी के उभरने को एक हद तक सोशियल रिवोल्यूशन कह सकते हैं।

आप पार्टी की आइडियोलॉजी आम पŽिलक की तरह है। इससे आम पŽिलक को इससे जुड़ाव महसूस हुआ। वह उनमें खास के बजाय आम नेता ढूंढऩे लगा। आम लोगों के बीच की उनकी बातों ने खूब प्रभावित किया।

- रूपेश सिंह, इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आरयू

यूथ चेंज चाहता है। यही वजह है कि उसने अपने रिप्रेजेंटेटिव्ज में भी चेंज चाहा। जिस तरह से भ्रष्टाचार और कई मूवमेंट के साथ वे लोगों के बीच पहुंचे, इससे लोग उनके साथ

जुड़ते गए, उनकी नाराजगी इनके करीब ले आई।

- आयुष चौधरी, इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आरयू

युवा पारदर्शिता चाहता है। आजकल के लीडर्स में करनी और कथनी में काफी फर्क होता है। आप के जरिए उन्हें ऐसे लीडर्स मिलने की उम्मीद जगी जो उन्हीं की भाषा बोलते हैं और उनके जैसा सोचते हैं। आगे क्या होगा, यह देखना होगा।

- कपिल गंगवार, इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आरयू

एक यूथ को हर एरिया में बेटर फैसिलिटीज की जरूरत होती है। चाहे वह एजूकेशन की बात हो या फिर दूसरे क्षेत्रों की। आप ने उन बेटर फैसिलिटीज की राह में आने वाले रुकावटों को एक-एक करके गिनाया, जिससे लोगों का जुड़ाव हुआ।

- सनल सिंह, इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आरयू

यूथ बात करता है बेटर इंफ्रास्ट्रक्चर की। उनके रिप्रेजेंटेटिव्ज इंफ्रास्ट्रक्चर देने के बड़े दावे करते हैं लेकिन वह सब हवाई लगते हैं। आप ने बताया कि उन्हें यह सब क्यों नहीं मिला। अब देखना यह होगा कि वे हमारी उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाते हैं।

- कृष्णा कुमार, इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आरयू

महंगाई और करप्शन यूथ के लिए भी सबसे बड़ी प्रॉŽलम है। इसलिए अरविंद और अन्ना के मूवमेंट से यूथ जुड़ा। आप को भी इसलिए काफी वोट मिले। मूवमेंट का नतीजा तो आ गया अब पार्टी का नतीजा देखना बाकी है।

- संपूर्णानंद अवस्थी,

इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आरयू