कसारी मसारी में मिली थी हत्या के बाद जलाकर फेंक दी गई बॉडी काम कराने वाले मकान मालिक व ठेकेदार को पुलिस ने हिरासत में लिया allahabad@inext.co.in ALLAHABAD: वह न तो रईस था और न ही किसी ऐसे खानदान से बिलांग करता था जहां रंजिश के चलते जान का खतरा हो। इसके बाद भी उसकी न सिर्फ हत्या की गयी बल्कि बॉडी को आग के हवाले कर दिया गया कि कोई पहचान भी न सके। इसी का परिणाम है कि दस दिन बाद उसे पहचान मिली। अब पुलिस के लिए हत्या की इस गुत्थी को सुलझाना बड़ा चैलेंज बन गया है। करेली एरिया का है मामला करेली थाना क्षेत्र के सदियापुर मोहल्ला निवासी बुद्धू पुत्र भइयन मार्बल की कटिंग व घिसाई का काम करता था। बीस नवंबर की दोपहर वह घर से काम पर निकला था। बताते हैं कि घटना वाले दिन वह जीटीबी नगर निवासी हाजी नौशाद के यहां काम पर गया था। निर्माण कार्य का ठेका धूमनगंज के लखनपुर निवासी कासिम ने लिया था। 21 नवंबर की रात हत्या करके कातिलों ने उसकी लाश को जला दिया था। करेली थाना क्षेत्र के कसारी मसारी इलाके में स्थित उक खाली प्लाट में उसकी बॉडी मिली थी। काफी प्रयास के बावजूद उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। 20 नवंबर से था गायब बुद्धू के घर न लौटने से परेशान पत्‍‌नी सुनीता पता लगाने हाजी नौशाद के घर पहुंची। वहां उसे पता चला कि 20 नवंबर से ही वह काम पर नहीं आया। इस पर वे पति की खोज में ठेकेदार के घर पहुंची तो पता चला कि वह काम पर गया था, लेकिन लौटा नहीं। इस पर उसकी पत्‍‌नी ने 29 नवंबर को पुलिस चौकी में पति के गुम होने की शिकायत की। शनिवार को पुलिस के बुलावे पर बुद्धू की पत्‍‌नी व भाई राजन एवं अनूप और मामा राजकुमार थाने पहुंचे। वहां फोटो देखते ही वे शव की पहचान कर लिए और चीख पड़े। पुलिस का कहना है कि बुद्धू की हत्या के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। परिवार के सदस्यों से इस निर्मम तरीके से हत्या का कारण जानने की कोशिश की गयी, लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा। साथ में नहीं था मोबाइल आम तौर पर बुद्धू मोबाइल अपने साथ कैरी करता था लेकिन घटना वाले दिन वह इसे घर पर ही छोड़ आया था। इससे पुलिस को यह पता लगाना भी मुश्किल हो गया है कि उसकी लास्ट लोकेशन क्या था। पुलिस अब उसके मोबाइल नंबर आयी कॉल्स का डिटेल लेकर हत्या की तह तक पहुंचने की कोशिश में है। भरा पूरा परिवार, लावारिस अंतिम संस्कार बुद्धू के परिवार के पत्‍‌नी के अलावा भाई और अन्य सदस्य हैं। उसकी बॉडी भी घर से ज्यादा दूरी पर बरामद नहीं हुई थी। इसके बाद भी पहचान न होने के कारण वह तीन दिन तक पोस्टमार्टम हाउस में पड़ी रही। इसके बाद बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ और पुलिस ने कोई वारिस सामने न आने पर उसका लावारिस की तरह अंतिम संस्कार करवा दिया। दस दिन बाद पहचान हुई तो परिवारवालों के पास पछताने के अलावा कुछ नहीं है। घटना पर उठ रहे सवाल किससे थी बुद्धू की ऐसी रंजिश जो उसे मारे या मरवाए हत्या के बाद बॉडी को जलाकर क्यों फेंका गया किसी से अवैध संबंध का नतीजा तो नहीं है बुद्धू की हत्या काम से निकलने के बाद कहां गया था बुद्धू कोई ऐसा राज तो नहीं जान गया था बुद्धू जो किसी के लिए खतरा बनता शक के आधार पर मकान मालिक व ठेकेदार को थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है। घटना वाले दिन बुद्धू ने मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था। कातिलों का पता जल्द ही चल जाएगा। विजय कुमार सिंह थानाध्यक्ष करेली