-सराय में विवेकानंद की जयंती पर युवा सम्मेलन का आयोजन

-अपने कर्मो से समाज में खुशबू फैलाएं और मदद करें

॥नर््ढ्ढक्कक्त्र/क्कन्ञ्जहृन्: देश की असली संपत्ति नौजवान हैं। आज समाज में छोटी-छोटी बातों के लिए झगड़े-फसाद हो रहे हैं। अगर विवेक से काम ले तो छोटी-छोटी बातों पर झगड़े की नौबत ही नहीं आएगी। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि सौ समर्पित नौजवान मिल जाए तो देश बदल सकते हैं। यह बातें बीएमपी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय ने कही। वे शुक्रवार को सराय में राष्ट्रीय युवा विकास परिषद के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा सम्मेलन में बोल रहे थे। डीजी ने कहा कि देश में ऐसे नौजवान हुए हैं जिसने अपने बलबूते इतिहास की धारा भी बदल दी।

मन पर काबू रख विवेक से काम लें

उन्होंने कहा कि मन पर काबू रखें और विवेक का यूज कर सही-गलत का निर्णय करें। जिस दिन हम ऐसा करना शुरू कर देंगे उस दिन से समाज की बहुत सी कुरीतियां स्वयं दूर हो जाएंगी। साथ ही उन्होंने युवाओं सेच्अच्छी किताबें पढ़ने की अपील की।

अच्छे कर्म वाले को रखते हैं याद

डीजी ने युवाओं से अपने कर्मों से समाज में खुशबू फैलाने और जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर रहने की बात कही। समाज उन्हीं को याद रखता है जो अपने जीवनकाल मच् अच्छा कर्म करते हैं। उन्होंने बिहार सरकार की शराब, दहेजबंदी और बाल विवाह के विरोध में चल रहे अभियान को सफल बनाने के लिए संकल्प कराया।

महिलाएं आगे आएं : मोनी त्रिपाठी

संगिनी क्लब की अध्यक्ष मोनी त्रिपाठी ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाओं को घर के काम से समय निकालकर समाज सेवा में भी समय देना होगा। उन्होंने कहा कि पटना में आज संगिनी क्लब से करीब दो हजार महिलाएं जुड़ी हुई हैं। हाजीपुर में भी संगिनी क्लब का गठन हुआ है। जल्द ही गरीब बस्ती में रचनात्मक कार्य होंगे।

विकसित भारत का सपना साकार करें

जिला उपभोक्ता फोरम के जज डीके शर्मा ने युवाओं से अपना रास्ता खुद चुनने की नसीहत दी। उनका कहना था कि दूसरों की सलाह कितनी कारगर हो सकती है यह बहुत मायने नहीं रखती। युवा क्या सोचता है और अपने जीवन में क्या करना और

बनना चाहता है यह उसे खुद तय करना चाहिए। देश को आगे ले जाने में युवाओं का अहम योगदान है। युवाओं को आगे आए बिना विकसित भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है। महनार के डीसीएलआर ललित सिंह ने पढ़े-लिखे युवाओं से समाज के दबे-कुचले लोगों की बेहतरी और उनच्े बच्चों के पठन-पाठन के लिए निस्वार्थ भाव से आगे आने की अपील की।