RANCHI: नोट बदलने के लिए नक्सली गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पलामू समेत अन्य जिलों में बच्चों और बुजुर्गो का इस्तेमाल कर रहे हैं। लोहरदगा में जहां ब्लैक मनी को चेंज करने के लिए बच्चों को बैंक के नीचे लाइन लगवा कर खड़ा किया जा रहा है। वहीं, लातेहार में नक्सली काला धन बैंक एकाउंट में जमा करने का बुजुर्गो पर दबाव बना रहे हैं। कहा जा रहा है कि नक्सल प्रभावित इन क्षेत्रों के ग्रामीण और स्कूली बच्चों से नक्सली उनके अकाउंट में मोटी रकम जमा करवा रहे हैं। जिन खातों में अब तक भ्00 रुपए तक नहीं हुआ करते थे, उनमें अब भ्0 हजार से लाख-दो लाख रुपए जमा होने लगे हैं। बैंक अधिकारियों व पुलिस ने भी आशंका जताई है कि ग्रामीणों और बच्चों को नक्सली अपनी ब्लैक मनी व्हाइट करने के लिए यूज कर रहे हैं।

छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन राशि वाले खाते

छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी प्रोत्साहन राशि ही अब तक इन स्कूली बच्चों के अकाउंट में हुआ करती थी। वह भी इन्हें इसलिए मिलती है क्योंकि ये गरीब और पिछड़े वर्ग के हैं। ग्रामीणों के खाते में भी नरेगा और दूसरी योजनाओं में सरकार द्वारा दी जानेवाली रकम भेजी जाती है, पर अब अचानक से इन खातों में लाख-लाख रुपए जमा हो रहे हैं। हालांकि बैंक अधिकारी त्रिलोचन नाथ शाहदेव ने बताया कि इस बात को समझते हुए वे पूरी सावधानी बरत रहे हैं। बैंक इस बात का ध्यान रख रहा है कि भोले-भाले लोगों और बच्चों का इस्तेमाल नक्सली और अपराधी न कर पाएं। अधिकारी इन्हें सचेत भी कर रहे हैं।

राडार पर स्थानीय नक्सली समर्थक

जांच से बचने के लिए झारखंड में नक्सली जबर्दस्ती बुजुगरें से क्,000 और भ्00 के बड़े नोट बदलवा रहे हैं। झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक लातेहर जिला, जहां नक्सलियों ने टैक्स और फिरौती के रूप में करोड़ों रुपए वसूले हैं। वो बुजुगरें को अपने अकाउंट में ख्.भ् लाख रुपए जबर्दस्ती जमा करने को कह रहे हैं।

लोहरदगा में ख्भ् लाख के बड़े नोट जब्त हुए थे

लोहरदगा में एएसआई अशोक सिंह के अनुसार, नक्सलियों के पास करोड़ों की नगदी होने का पुलिस को अंदाजा है। नक्सली अब इसे व्हाइट मनी बनाना चाह रहे हैं। हाल के दिनों में पुलिस ने ख्भ् लाख रुपए जब्त किए हैं, जो सभी हजार के नोटों में थे। लोहरदगा एसपी ने कहा कि पुलिस नक्सलियों द्वारा काले धन को सफेद करने की कोशिशों पर नजर रख रही है।

वर्जन

हम लोगों को ऐसी जानकारी मिली है कि नक्सली गांव वालों का उपयोग वसूली गई राशि को बैंक में जमा कराने के लिए कर रहे हैं, ताकि वह मान्य मुद्रा में बदल जाए। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं युवाओं के भी इसमें शामिल होने की आशंका है। पिछले दो दिनों से पुलिस कई स्थानों पर उन लोगों को पकड़ने की फिराक में है, जो इस गैरकानूनी काम में शामिल हैं। स्थानीय नक्सल समर्थकों पर शंका ज्यादा है।

-अनूप बिरथरे, एसपी, लातेहार