- अब आदमखोर टाइगर बन रहे है वन विभाग का सिरदर्द

- फैजाबाद में आदमखोर बाघिन को मारनी पड़ी थी गोली, एक अन्य आदमखोर किशन चिडि़याघर का हिस्सा बन चुका है

LUCKNOW: चिडि़याघर आने वाले दर्शकों को अब एक और आदमखोर बाघ देखने को मिलेगा। अब तक यहां पर सिर्फ बाघ किशन ही ऐसा है जिसने पांच लोगों को शिकार किया था। लेकिन पीलीभीत का टाइगर मुस्तफा भी लाया जा चुका है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बाघ तो कई बार जंगल से बाहर आए लेकिन पिछले दस सालों में तीन बाघ ही आदमखोर मिले हैं। 2009 में फैजाबाद इलाके में एक बाघिन ने कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। एक के बाद एक लोगों को शिकार बना रही बाघिन को वन विभाग ने आदमखोर घोषित किया और इसे जिंदा पकड़ने के आदेश दिए। लेकिन पकड़े ना जाने पर गोली मारे जाने के आदेश भी सुना दिए। इस बाघिन की तलाश में वन विभाग की टीम को 109 दिनों के बाद सफलता मिली थी। उसके बाद 2010 में किशनपुर सेंक्चुरी में टाइगर के आदमखोर होने की खबर आई। इसने एक महीने में पांच लोगों को अपना शिकार बनाया। लेकिन इस टाइगर को जिंदा ही पकड़ लिया गया।

जू में अब 11 टाइगर

चिडि़याघर में इस समय बाघों की संख्या 11 हो गई है। इनमें व्हाइट टाइगर भी शामिल हैं। मेल टाइगर शिशिर और इप्शिता को नंदन कानन जू से यहां लाया गया था। व्हाइट टाइगर आर्यन चिडि़याघर में ही पैदा हुआ और इस समय उसके दो बच्चे जय और विजय है। बाघ शिशिर और बाघिन इप्शिता को नंदन कानन जू से लखनऊ चिडि़याघर लाया गया था। इसके अलावा बाघ किशन को किशनपुर सेंक्चूरी से, छेदी लाल को लखीमपुर के छेदीपुर से, बाघिन पलिया को पलिया से, बाघिन मैलानी को मैलानी से और बाघ मुस्तफा को मुस्तफाबाद से रेस्क्यू कर लाया गया।

100 किलो का है मुस्तफा

चिडि़याघर के वन्यजीव चिकित्सक डॉ। उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि मुस्तफाबाद से लाए गए आदमखोर बाघ मुस्तफा की उम्र उम्र ढाई से तीन साल के बीच है। इसका वजन 100 किलोग्राम से अधिक है। अनुमान है कि यह टाइगर या तो अपनी मां से बिछड़ गया है या फिर हाल ही में इसके एडल्ट होने पर इसकी मां ने इसे छोड़ दिया है। अपनी टेरिटरी बनाने के चक्कर में यह गांव के नजदीक पहुंच गया। शिकार करने की ट्रेनिंग ना मिल पाने के कारण यह गांव में घुस गया और वहां पर पहला शिकार इंसान को बनाया। टाइगर के लिए एक इंसान सबसे आसान शिकार होता है।

जानवरों के शिकार में उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहीं कारण है कि मुस्तफा भी आदमखोर हो गया। उन्होंने बताया कि आबादी बढ़ने के कारण लोग अब जंगलों में भी आशियाना बना रहे है, जिसके चलते जंगली जानवर और इंसान आमने-सामने हो रहे हैं।